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Sirohi MLA Sanyam lodha instruct for clear probe in Aburoad harrasment matter - Sabguru News
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आबूरोड के यौन शोषण प्रकरण में लोढा से की निष्पक्ष कार्यवाही की मांग

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आबूरोड के यौन शोषण प्रकरण में लोढा से की निष्पक्ष कार्यवाही की मांग
आबूरोड प्रकरण में जांच के सम्बंध में सिरोही सर्किट हाउस में आबूरोड थानाधिकारी से चर्चा करते सिरोही विधायक संयम लोढ़ा।
आबूरोड प्रकरण में जांच के सम्बंध में सिरोही सर्किट हाउस में आबूरोड थानाधिकारी से चर्चा करते सिरोही विधायक संयम लोढ़ा।
आबूरोड प्रकरण में जांच के सम्बंध में सिरोही सर्किट हाउस में आबूरोड थानाधिकारी से चर्चा करते सिरोही विधायक संयम लोढ़ा।

सिरोही। सिरोही जिले में आबूरोड के यौन शोषण प्रकरण को लेकर जेल में बंद दिवेश मुक्ता के परिजनों ने विधायक संयम लोढा को पुलिस द्वारा की गई एक तरफा कार्यवाही के संबंध में अवगत करवाकर उनके द्वारा दर्ज करवाए गए मुकदमें में ब्रहमाकुमारी के मुख्य अभियंता बीके भरत के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।

दिवेश की माता विमला ने लोढा को बताया कि उनकी पुत्र वधु के 1 सितम्बर को 1.30 बजे ऑपरेशन से डिलीवरी हुई थी। रक्त स्त्राव होने से उसकी पुत्र वधु की हालत गम्भीर बनी हुई थी, उसके बाद भी पुलिस 3 बजे दिवेष को उठाकर ले गई एवं उसे छोडा नहीं। रात 8 बजे परिवार जनों को सूचित किया कि उसे गिरफ्तार कर लिया है। दिवेष द्वारा दर्ज करवाए गए मुकदमें में कोई कार्यवाही नही की गई और उन्होंने आरोप लगाया कि ब्रहमाकुमारी के चीफ इंजीनियर बीके भरत को आबूरोड से भगा दिया गया।

लोढा ने आबूरोड सदर थाना अधिकारी आनंद कुमार से सर्किट हाउस सिरोही में बातचीत की और कहा कि मामले में एक तरफा कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। लोढा ने थाना अधिकारी से कहा कि आरोपी देवेष की गिरफ्तारी में उसकी पत्नी की ऑपरेशन से डिलीवरी के मानवीय पक्ष को ध्यान में रखते हुए समुचित इंतजाम किए जाने चाहिए थे, जो नहीं किए गए।

ब्रहमाकुमारी के चीफ इंजीनियर बीके भरत व उसके अन्य साथी जो इस मामले में लिप्त हैं उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं कर उन्हें भूमिगत कर दिया। लोढा ने कहा कि इस मामले में दिवेश मुक्ता जो डेढ साल से यौन शोषण से पीडित था उसके द्वारा दी गई रिपोर्ट व प्रस्तुत किए गए साक्ष्य की जांच करने के बजाय सीधे ही उसे गिरफतार करना उचित नहीं है।

लोढ़ा ने कहा कि पुलिस महानिदेशक ने कोरोना के चलते निर्देश जारी कर रखे हैं कि 7 वर्ष से कम सजा के अपराध के मामले में आरोपी को थाने में ही जमानत पर रिहा कर दिया जाए। उसे जेल नहीं भेजा जाए। दिवेश के मामले में पांच वर्ष से कम सजा की धाराएं होने के बाद भी उसे जेल भेज दिया गया।

उसे गिरफ्तार कर किसी भी तरह की कोई बरामदगी भी नहीं की गई, इस तरह की कार्यवाही के बाद लोगो में पुलिस की पक्षपात पूर्ण कार्यवाही का संदेश गया है। लोढ़ा ने थाना अधिकारी को मामले में निष्पक्ष कार्यवाही करने के निर्देश दिए।