जयपुर। राजस्थान में वैश्विक महामारी कोरोना के चलते साढ़े पांच महीनों से अधिक समय बाद आज राजधानी जयपुर सहित विभिन्न जगहों पर धार्मिक स्थलों को आम लोगों के लिए खोला गया।
धार्मिक स्थलों को खोलने की छूट मिलने के बाद सोमवार को प्रदेश में लगभग 170 दिन बाद धार्मिक स्थलों के पट खुल गए। हालांकि राजधानी जयपुर में मोतीडूंगरी गणेश मंदिर सहित प्रदेश के कुछ बड़े मंदिरों को मंदिर प्रशासन ने फिलहाल बंद रखने का फैसला किया है।
कोरोना की रोकथाम के लिए जारी गाइडलाइन के अनुसार मंदिरों में हाथ सैनिटाइज करके और थर्मल स्कैनिंग के बाद ही श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है। इसके अलावा मंदिरों में दर्शन के समय सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए गोले के निशान बनाये गये हैं जिसमें श्रद्धालु खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आ रहे हैं। श्रद्धालु मंदिरों में भगवान की मूर्तियों एवं घंटियों को नहीं छू सकेंगे।
जयपुर में चमत्कारेश्वर मंदिर सहित कई मंदिरों के खुलने पर श्रद्धालु कोरोना गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए मंदिर पहुंचे और मास्क लगाकर एवं दूरी बनाकर मंदिरों में दर्शन किए। चांदपोल स्थित परकोटे वाले गणेश मंदिर, खोले के हनुमान मंदिर सहित कई मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए गोले बनाए गए। श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों के मुख्य दरवाजे पर सैनिटाइज करने की व्यवस्था भी की गई। इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा के भी इंतजाम किए है।
इसी तरह अजमेर स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह भी आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दी गई। श्रद्धालुओं के लिए दरगाह के सभी दरवाजे खोल दिए गए। गाइडलाइन के चलते दरगाह में फूल और चादर पेश नहीं की जा सकेगी। दरगाह में आने वाले लाेगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की पूरी पालना कराई जा रही है और इसके लिए गोले बनाए गए हैं ताकि श्रद्धालु उसमें खड़ा रहकर अपनी बारी का इंतजार कर सके। दरगाह में प्रवेश से पहले हाथ सैनिटाइज कराए जा रहे है।
इसी प्रकार पुष्कर में विश्व विख्यात ब्रह्मा मंदिर के पट भी खोल दिए गए। ब्रह्मा मंदिर में पुलिस जाब्ते के बीच सुबह पांच बजे मंगला आरती की गई और उसके बाद से सोशल डिस्टेसिंग की पालना के बीच श्रद्धालुओं का प्रवेश शुरू हो गया। ब्रह्मा मंदिर पर गोले बनाकर पर्याप्त दूरी के साथ एक एक कर श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है।
इसके अलावा राज्य में जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, कोटा, अलवर, भरतपुर सहित विभिन्न जगहों पर कई धार्मिक स्थल आम लोगों के लिए खुले और श्रद्धालुओं ने कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए उनमें प्रवेश किया। हालांकि प्रदेश में कुछ मंदिरों के पट नहीं खुले और मंदिर प्रशासन बाद में उन्हें खोलने का निर्णय करेगा।