प्रयागराज। अयोध्या में राम मंदिर विवाद सुलझने के बाद साधु संतों के 13 अखाड़ों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अब काशी और मथुरा विवाद के समाधान को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करेगा।
अखाड़ा परिषद के मुख्य प्रवक्ता तथा श्रीदूधेश्वर महादेव गाजियाबाद के श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने सोमवार को यहां श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में करीब ढाई घंटे चली बैठक के बाद यह जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में परिषद के प्रतिनिधियों ने प्रस्ताव पारित कर अयोध्या की तर्ज पर काशी तथा मथुरा विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की मांग की और कहा कि संगठन इन मुद्दों को उच्चतम न्यायालय में ले जाएगा।
उन्होंने कहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर तथा मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थल पर अयोध्या की तरह ही मुगल शासकों ने जबरन मस्जिदों का निर्माण कराया था। श्री विश्वनाथ मंदिर के बगल में ज्ञानवापी मस्जिद के निकट खुदाई के दौरान सुरंग और मंदिर के कई अवशेष मिल रहे हैं।
अब समय आ गया है कि इन दोनों स्थानों से जुड़े विवाद को भी न्यायालय से सौहार्द्रपूर्वक सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन दोनों मामलों को लेकर परिषद न्यायालय जाएगी और इन दोनों विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का न्यायालय से अनुरोध करेगी।
श्री दूधेश्वर मठ के पीठाधीश्वर ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी अखाड़ों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लेते हुए अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण कार्य आरंभ होने पर खुशी जताई। बैठक के दौरान संतों ने एक स्वर में उत्तर प्रदेश सरकार से अयोध्या में सभी 13 अखाड़ों को भूमि उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया।
प्रवक्ता ने कहा कि बैठक में प्रयागराज में माघ मेले का कोरोना के दिशा निर्देशों के साथ संपन्न कराने का भी उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध किया गया है। बैठक में अगले साल हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ को लेकर भी चर्चा हुई और केंद्र सरकार से इसके आयोजन की राशि तत्काल जारी करने का आग्रह किया गया।