कानपुर। स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ कार्यकर्ताओं का आवाहन किया कि कोरोना कालखंड में सेवा कार्य के जरिये समाज में आत्मनिर्भरता का भाव लाने की दिशा में काम करे।
भागवत ने कानपुर में अपने दो दिवसीय प्रवास के पहले दिन सिविल लाइंस में क्षेत्र संघ चालक वीरेन्द्र जीत सिंह के आवास पर आयोजित बैठक में कहा कि संघ के अतिरिक्त कई सामाजिक संगठनों मठ, मंदिरों, गुरुद्वारों ने सेवा कार्य किए हैं जिसके फलस्वरूप एक बहुत बड़ी सज्जन शक्ति समाज में उभर कर सामने आई है। संघ के कार्यकर्ताओं को ऐसी सज्जन शक्ति से संपर्क करना चाहिए।
सर संघचालक ने कहा लॉकडाउन के कालखंड का प्रभाव अभी भी है। प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से हमको काम करना है। शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए तथा ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के लिए कार्य करना है। आत्मनिर्भरता का भाव समाज में उत्पन्न करना है।
संघ प्रमुख ने कहा कि स्वयंसेवकों को यह स्मरण रहना चाहिए कि हमने यह कार्य प्रचार के लिए नहीं किया है। हमारा कार्य हमने अपना दायित्व जो कि हमारा समाज के लिए है या समझ के किया है।
कानपुर प्रांत में सेवा के साथ साथ समाज मे संस्कार उत्पन्न करने के लिए जो तीन कार्यक्रम बुद्ध पूर्णिमा पर उपवास, कुटुंब प्रबोधन की दृष्टि से परिवारजन का एक साथ भोजन तथा प्रत्येक प्रकृति प्रेमी परिवार द्वारा पर्यावरण की दृष्टि से हवन कार्यक्रम भी सराहे गये है। प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार उपलब्ध करने का काम जो इस कानपुर प्रान्त में हुआ है वह बहुत अच्छा है इसको और बढाने की आवश्यकता है।
इससे पहले सुबह नौ बजे से शुरू हुयी बैठक में मीडिया पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था लेकिन संघ के पदाधिकारियों के सूत्रों से बैठक की जानकारी प्राप्त हो रही थी। संघ से जुड़े पदाधिकारी व स्वयंसवकों ही पहले दिन की बैठक में शामिल हुए थे। कोविड प्रोटोकाल का बैठक में पूरी तरह पालन किया गया।
इस दौरान शामिल हुए पदाधिकारियों ने सरसंघचालक मोहन भागवत को लाकडाउन के कालखण्ड में कानपुर प्रान्त में किए गए सेवाकार्य की जानकारी दी और प्रान्त के आकंड़े के साथ साथ स्वयंसेवकों द्वारा व्यक्तिगत रूप से किए गए कई प्रेरणादाई कार्यों का उदाहरण भी कार्यकर्ताओं द्वारा दिया गया।
संघ के पदाधिकारियों सूत्रों ने बताया कि लाकडाउन के कालखण्ड में कानपुर प्रान्त में किए गए सेवाकार्य की जानकारी होने पर सरसंघचालक मोहन भागवत ने सेवा कार्यों के दृष्टि से कानपुर प्रांत के कार्य की सराहना की।