पप्पू – पत्नी की बातें और पंडित की कथा एक जैसी होती हैं…!!!
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गप्पू – वो कैसे…?
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पप्पू – समझ भले कुछ न आए,
पर ध्यान लगाकर सुनने का नाटक जरूर करना पड़ता है…!!!
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संता – मुझे लोन चाहिए…
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बैंक अधिकारी – बैंक में खाता है…?
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संता – अभी तो घर पे ही खाता हूं…
लोन दे दोगे तो बैंक में खा लिया करूंगा!!!
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लड़की (दुकानदार से) – आटा है…?
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दुकानदार – हां, पतंजलि का है…
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लड़की – मुझे आशीर्वाद चाहिए…
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दुकानदार – सदा सुहागन रहो…!!!
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पत्नी – तुम मुझे कितना प्यार करते हो?
पति – जितना तुम सोच भी नहीं सकती!
पत्नी – फिर भी कितना?
पति – इतना की दिल करता है तुम्हारी जैसी एक और ले आऊं।
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रमन (अपने दोस्त से)- कभी किसी ने ये सोचा कि दवाई के पैकेट में 10 टेबलेट ही क्यों होती है?
दोस्त- पता नहीं?
रमन- तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं कि 10 टेबलेट की यह प्रथा तब चालू करवाई गई
थी, जब लंकाधिपति रावण को सिरदर्द हुआ था।
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बच्चा – मम्मी मैं कैसे पैदा हुआ…?
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मां – मैंने एक डिब्बे में मिठाई डाल कर रख दी थी,
कुछ दिन बाद उसमें से तुम मुझे मिले…
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बच्चे ने भी ठीक वैसा ही किया…
और कुछ दिन बाद जब उसने जा कर देखा तो उसमें एक कॉकरोच था…
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बच्चा (गुस्से में) – दिल तो करता है कि तुझे अभी चप्पल से मार दूं,
पर क्या करूं…? औलाद है तू मेरी…!!!
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पप्पू – यार मैं अपनी बीवी से परेशान हो गया हूं…
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गप्पू – क्यों, क्या हुआ…?
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पप्पू – यार वो सारा दिन यूट्यूब पर पकवानों की रेसिपी देखती रहती है…
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गप्पू – हां तो इसमें दिक्कत क्या है…?
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पप्पू – शाम को बनाती तो दाल-चावल ही है…!!!
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पप्पू – दुनिया का सबसे बड़ा त्योहार कौन सा है…?
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गप्पू – घरवाली
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पप्पू – कैसे…?
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गप्पू – हफ्ते में तीन-चार बार तो मनाना ही पड़ता है…!!!
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मां ने सुरेश को डांटते हुए कहा –
सुरेश, तुम बेहद शरारती हो. देखने में भी बंदर लगते हो…
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सुरेश बोला – लेकिन मां,
पड़ोस वाली आंटी तो कहती हैं कि
तुम बिलकुल अपने पापा की तरह लगते हो!!!
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