नई दिल्ली। संसद भवन में कोरोना के बढ़ते मामलों से चिंतित सभी दलों के सांसदों की मांग पर मानसून सत्र को अगले सप्ताह गुुरुवार तक समाप्त होने की संभावना है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में आज यहां हुई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में बीजू जनता दल, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) आदि दलों के नेताओं ने शिरकत की।
इन नेताओं ने कोविड संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तीव्रता से ये मामले बढ़ रहे हैं, वह चिंता की बात है। संसद के सत्र बुलाने को लेकर संवैधानिक दायित्व पूरा हो गया है। कुछ जरूरी विषयों पर चर्चा कराने एवं आवश्यक विधेयकों को पारित कराने के बाद सदन की कार्यवाही जल्दी ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करनी चाहिए।
सूत्रों के अनुसार बीजद के नेता पिनाकी मिश्रा ने सुझाव दिया कि बुधवार 23 सितंबर या गुरुवार 24 सितंबर को मानसून सत्र समाप्त कर दिया जाए। एक अन्य नेता ने सुझाव दिया कि यदि एक डेढ़ माह में स्थिति सुधरती है तो एक संक्षिप्त सत्र आगे आहूत किया जा सकता है।
कई नेताओं का कहना था कि राज्यों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बकाया, पर्यावरण, नयी शिक्षा नीति और कोविड-19 की स्थिति ये चार विषय जरूरी हैं जिन पर चर्चा करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीएसटी के बारे में शून्यकाल में भी संक्षिप्त चर्चा हो सकती है। श्रम संबंधी विधेयक मंगलवार का पारित होने की संभावना है। इसके बाद कोई बहुत जरूरी काम नहीं रह जाएगा।
भाजपा की ओर से राजीव प्रताप रूड़ी ने भी सहमति जताई। नेताओं ने इस बारे में अंतिम निर्णय लेने के लिए अध्यक्ष से आग्रह किया है। अध्यक्ष बिरला ने भी सभी की बात गंभीरतापूर्वक सुनी और उचित निर्णय लेने का आश्वासन दिया।