नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ काेविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर उन्हें याद किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किए। शास्त्री जी की आज 117वीं जयंंती है।
कोविंद ने शुक्रवार को ट्वीट करके कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उनकी स्मृति को नमन। भारत माता के उस महान सपूत ने अभूतपूर्व समर्पण और सत्यनिष्ठा से देश की सेवा की। उन्होंने आगे कहा कि हरित क्रांति एवं श्वेत क्रांति में मूलभूत भूमिका और युद्धकाल में सुदृढ़ नेतृत्व के लिए सभी देशवासी उन्हें श्रद्धापूर्वक याद करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह शास्त्री जी के समाधि स्थल विजयघाट गए और श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्हें याद करते हुए मोदी ने लिखा कि लाल बहादुर शास्त्री जी विनम्र और दृढ़ थे। उन्होंने सादगी को महत्व दिया और जीवन राष्ट्र के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। हम उनकी जयंती पर उन्हें भारत के लिए किए गए हर कार्य के लिए कृतज्ञता की भावना के साथ याद करते हैं।
सादगीपूर्ण और दूरदर्शी व्यक्तित्व पूरे देश की प्रेरणा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को जयंती पर स्मरण और नमन करते हुए शुक्रवार को कहा कि उनका सादगीपूर्ण, दूरदर्शी और निडर व्यक्तित्व पूरे देश को प्रेरित करता है।
शाह ने उन्हें याद करते हुए कहा कि भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी का सादगीपूर्ण, दूरदर्शी व निडर व्यक्तित्व पूरे देश को प्रेरित करता है। उनके हिमालय जैसे मजबूत नेतृत्व और ‘जय जवान जय किसान’ के ओजस्वी नारे ने भारत की समृद्धि व सुरक्षा के दो सबसे बड़े स्तंभ…किसानों और जवानों को सशक्त किया। उन्हें कोटि-कोटि नमन।
वेंकैया ने लाल बहादुर शास्त्री को दी श्रद्धांजलि
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि वह सरलता, मानवता और विवेक का प्रतीक थे। नायडू ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने पूरे जीवन में महात्मा गांधी के सिद्धांत साधारण जीवन उच्च विचार का आचरण किया।
नायडू ने कहा कि जय जवान, जय किसान.. राष्ट्र निर्माण में भारत की युवा शक्ति का आह्वाहन करने वाले, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जन्म जयंती पर उनकी पुण्य स्मृति को सादर प्रणाम। आपने आजन्म ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ के गांधीवादी जीवन मंत्र का निष्ठापूर्वक पालन किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शास्त्री जी ने संकट के समय में राष्ट्र का नेतृत्व किया और असाधारण उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके ‘जय जवान जय किसान’ के नारे ने देशभर में भीतरी और बाहरी संकट से लड़ने का संचार पैदा किया।