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कोरोना से लड़ने के लिए सिर्फ वैक्सीन के इंतजार में बैठे रहना बेमानी : WHO - Sabguru News
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कोरोना से लड़ने के लिए सिर्फ वैक्सीन के इंतजार में बैठे रहना बेमानी : WHO

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कोरोना से लड़ने के लिए सिर्फ वैक्सीन के इंतजार में बैठे रहना बेमानी : WHO

जेनेवा/नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडानाेम गैब्रिसस ने कहा कि कोरोना वायरस कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के लिए सिर्फ वैक्सीन के इंतजार में बैठे रहना बेमानी है बल्कि इसके संक्रमण को प्रसारित होने से रोकने के लिए जो भी व्यवस्थायें अभी मौजूद हैं, उनका भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने सोमवार को पूर्वी भूमध्य क्षेत्र की क्षेत्रीय समिति को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और सभी देशों को अभी सतर्क रहने की जरूरत है। कोविड-19 वायरस अब भी फैल रहा है और कईं लोगों के इसकी चपेट में आने का संदेह है। ऐसी स्थिति में सिर्फ वैक्सीन के इंतजार में बैठा नहीं जा सकता है। मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था का इस्तेमाल करके लोगों की जिंदगियां बचाना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे पहले बड़े जलसे पर प्रतिबंध लगना चाहिए। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामलों के तेजी से बढ़ने के पीछे बड़े जलसे ही जिम्मेदार हैं, अब चाहे वो स्टेडियम में जुटी भीड़ हो, नाइटक्लब हो, धार्मिक स्थल हों या अन्य भीड़भाड़ वाली जगहें। दूसरा सबसे जरूरी, जिन्हें संक्रमण के कारण अधिक खतरा हो उनकी रक्षा करनी जरूरी है ताकि स्वास्थ्य प्रणाली पर कम बोझ पड़े और जिंदगियां बचायी जा सकें।

कोरोना के खिलाफ जंग का तीसरा सबसे जरूरी हथियार लोगों को तथा समुदायों को संक्रमण के प्रति जागरूक करना है और उन्हें यह बताना है कि कोविड-19 अनुकूल व्यवहारों का अनुपालन कितना जरूरी है। चौथी आवश्यकता है जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करना यानी कोरोना संक्रमितों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट करना, जांच करना और देखभाल करना तथा उनके संपर्क में आए लोगों का पता करके उन्हें क्वारंटीन करना।

उन्होंने कहा कि यह महामारी खत्म हो जाएगी लेकिन यह आखिरी महामारी नहीं है। हमारे बच्चों और हमारे बच्चों के बच्चों के लिए महामारी से लड़ने में बेहतर रूप से तैयार और सक्षम दुनिया को छोड़ जाना, हमारी साझा जिम्मेदारी है। यह सिर्फ एक वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी संबंधी चुनौती नहीं है बल्कि यह चरित्र की भी परीक्षा है। इस महामारी को खत्म करने के लिए, इसे हराने के लिए एकता और सुदृढ़ता जरूरी है और जब इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे तो इसे फैलने से रोका जा सकता है।