भिवानी। हरियाणा सरकार के प्ले स्कूल गैर सरकारी संगठनों के हवाले करने के निर्णय से आंगनवाड़ीकर्मियों में रोष है।
आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की एक ऑनलाइन बैठक के बाद आज यूनियन नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार शिक्षा का निजीकरण करना चाहती है।
उन्होंने आंगनवाड़ियों के व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश का भी यह कहकर विरोध किया कि आंगनवाड़ी केंद्रों में अधिकांश बच्चे गरीब परिवारों के आते हैं, जिनके पास स्मार्ट फोन, इंटरनेट की सुविधाएं नहीं होतीं। इसके अलावा आंगनवाड़ीकर्मियों को भी न तो फोन दिये गये हैं न कोई अतिरिक्त खर्च।
यूनियन के अनुसार आंगनवाड़ीकर्मियों की समस्याओं व मांगों को लेकर महिला व बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा के कैथल आवास पर पिछले महीने 28 दिन धरना-प्रदर्शन किया गया था जिसके बाद उन्होंने 29 सितंबर को हुई वार्ता के
दौरान वादा किया था कि आंगनबाड़ी कर्मियों के हितों पर कोई आंच नहीं आएगी और कहा था कि पिछले महीनों का बकाया मानदेय देने के साथ-साथ आंगनबाड़ी कर्मियों की अन्य मांगों के बारे में 10 दिन के अंदर विभाग की डायरेक्टर से यूनियन की वार्ता करवाई जाएगी परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ।