सबगुरु न्यूज-सिरोही। कोविड के दौरान मनरेगा में। अनियमितता का जावाल का इकलौता मामला था? ऐसा नहीं है।
इसी दौरान राजनीतिक अभयदान और प्रशासनिक वरदान से मनरेगा में फर्जी हाजिरी भरने की शिकायतें भी जिला प्रशासन और पंचायत प्रशासन के अलावा जनप्रतिनिधियों के पास आई, लेकिन उन्हें दरकिनार कर दिया गया।
-ऑडियो हुआ था वायरल
करीब दो महीने पहले ही एक ऑडियो सोशल मीडिया और वायरल हुआ था। कथित रूप से ये वायरल जिला मुख्यालय से सटी एक ग्राम पंचायत के कार्मिक और मेट के बीच का बताया जा रहा है। इसमें कार्मिक मेट से दो हाजिरियों की बात कर रहा है।
उसमें ये निर्देश भी दे रहा है कि उसके बताये आदमियों में से दो एक आदमी की हाजिरी को अभी हटा देवे। ये वार्तालाप इतना तो स्पष्ट कर रही है कि मनरेगा में हाजिरियों को लेकर कुछ हेराफेरी चल रही है क्योंकि यदि मजदूर खुद रोजगार मांग रहा है और उसे कानून सम्मत रोजगार मिल भी गया है तो मेट और ग्राम पंचायत के कार्मिक के बस में उनका नाम मस्टरोल से काटना नहीं है।
ये काम तभी सम्भव है जब मेट और ग्राम पंचायत कार्मिक की मिली भगत से फर्जी हजीरियाँ चलाई जा रही हों। इसी तरह का एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें ग्रामीण कार्मिक से फर्जी हाजिरी क्यों लगाने के सवाल पूछते नजर आ रहे हैं।
-नेता करते रहे निरीक्षण की औपचारिकता
इस वायरल ऑडियो में दो नेताओं का भी जिक्र आया है। इससे पता लगता है कि नेता लोग कोविड के दौरान मनरेगा के निरीक्षण में फोटो सेशन करते रहे। उनके मस्टरोल चेक करके उसमें फर्जी हाजरियों को जांचने के कोई मकसद नहीं था।
ऑडियो में कथित कार्मिक मेट से ये पूछता नजर आ रहा है कि कोई निरीक्षण को तो नहीं आया ना। जवाब में में दो नेताओं का नाम लेते हुए बोलता है कि ये दोनों जने आये थे,लेकिन।उन्हें मस्टरोल नहीं दिखाया। इससे स्पष्ट है कि नेताओं की आंख में धूल झोंक कर मनरेगा में हाजिरी घोटाले जारी हैं।