जयपुर। राजस्थान में राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य के 21 जिलों में जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के चार चरणों में कराने के लिए कार्यक्रम घोषित कर दिया है।
चुनाव आयुक्त पी एस मेहरा ने आज चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुए बताया कि प्रथम चरण में 23 नवंबर, द्वितीय चरण में 27 नवंबर, तृतीय चरण में एक दिसंबर और चतुर्थ चरण में पांच दिसंबर को मतदान होगा। इसके साथ ही संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचरण संहिता तुरन्त प्रभावी हो गई है।
उन्होंने बताया कि अजमेर, चूरू, नागौर, बांसवाडा, डूंगरपुर, पाली, बाड़मेर, हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, जैसलमेर, राजसमंद, बीकानेर, जालौर, सीकर, बूंदी, झालावाड़, टोंक, चित्तौड़गढ़, झुंझुनूं और उदयपुर जिलों में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव विभिन्न चरणों में करवाए जाएंगे। इन 21 जिलों में 2 करोड़ 41 लाख, 87 हजार, 9 सौ 46 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। इनमें 636 जिला परिषद सदस्य, 4371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव संपन्न होंगे।
मेहरा ने बताया कि चारों चरणों के लिए संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा चार नवंबर को अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसी के साथ नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। उन्होंने बताया कि नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि एवं समय नौ नवंबर अपरान्ह तीन बजे तक रहेगी। नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा 10 नवंबर प्रातः 11 बजे से होगी, जबकि 11 नवंबर दोपहर 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। नाम वापसी के साथ ही चुनाव प्रतीकों का आवंटन एवं चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा।
प्रथम चरण के लिए 23 नवंबर, द्वितीय चरण के लिए 27 नवंबर, तृतीय चरण के लिए 1 दिसंबर और चतुर्थ चरण के लिए 5 दिसंबर को प्रातः 7.30 बजे से सायं 5 बजे तक मतदान करवाया जाएगा। मतगणना 8 दिसंबर को प्रातः 9 बजे से सभी जिला मुख्यालयों पर होगी। इसी तरह प्रधान या प्रमुख का चुनाव 10 दिसंबर और उप प्रधान या उप प्रमुख 11 दिसंबर को चुनाव होगा। सायं 5 बजे या मतदान की समाप्ति के साथ ही मतगणना प्रारंभ हो जाएगी।
मेहरा ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए आयोग द्वारा अब प्रत्येक मतदान बूथ पर मतदाताओं की संख्या भी कम करके 900 कर दी गई है। इससे पहले एक मतदान बूथ पर 1100 मतदाताओं की सीमा निर्धारित थी। मतदाताओं की संख्या के अनुसार 21 जिलों में 33 हजार 611 मतदान बूथ स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही पंचायत और नगर निगम चुनाव की तरह ही यहां भी मतदान के समय में बढ़ोतरी कर मतदान का समय प्रातः 7.30 बजे से सांय 5.00 बजे तय किया गया है, ताकि मतदाता सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए मतदान कार्य कर सके।
चुनाव आयोग ने जिला परिषद सदस्य के चुनाव लड़ रहे अभ्यर्थियों के लिए एक लाख 50 हजार और पंचायत समिति सदस्य के लिए 75 हजार 000 रुपए खर्च सीमा निर्धारित की है।
मेहरा ने बताया कि फिलहाल अलवर, भरतपुर, बारां, दौसा, धौलपुर, जयपुर, जोधपुर, करौली, कोटा, श्रीगंगानगर, सवाई माधोपुर और सिरोही जिलों में चुनाव नहीं होगा, क्योंकि इन जिलों में 18 नयी नगर पालिकाएं बनाई गई हैं। इन नगर पालिकाओं के बनने से इन जिलों की 48 ग्राम पंचायतें प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा उच्च न्यायालय में विचाराधीन याचिकाओं के चलते इन नवगठित नगर पालिकाओं में चुनाव कराने पर अस्थाई स्थगन लगा है।