अजमेर। संभाग के सबसे बडे जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना और बैग खरीद में हुए घोटालों के विरोध में वरिष्ठ वकील तथा निष्ठावान कांग्रेस कार्यकर्ता राजेश टंडन बुधवार से अस्पताल के बाहर धरने पर बैठेंगे।
टंडन ने सोमवार को बताया कि उन्होंने सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक जेएलएन अस्पताल के बाहर सांकेतिक धरने की अनुमति चाही थी। प्रशासन ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त अनापत्ति रिपोर्ट के आधार पर मुझे धरने की अनुमति प्रदान कर दी है।
टंडन ने कहा कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में जेएलएन अस्पताल प्रशासन ने मिलीभगत कर करीब 4 करोड़ रुपए का घोटाला करके बीमा कम्पनी को अदायगी से बचाया तथा राजकोष का नुकसान किया है। सरकारी स्तर पर हुई अंकेक्षण रिपोर्ट में भी इसे सत्य पाया गया है। इसी प्रकार बैग खरीदने में भी 900 रुपए कीमत का बैग 9000 रुपए में खरीद कर करीब 13 लाख रूपए का घोटाला किया है।
अस्पताल प्रशासन का तर्क है कि उन्होंने रियूजेबल बैग खरीदे हैं। सवाल उठता है कि कोरोना काल में जब एक दूसरे व्यक्ति से दो गज दूर रहना है तब प्राण रक्षा के लिए एक बार मरीज पर लग चुका बैग किसी दूसरे मरीज को कैसे लगाया जा सकेगा। अस्पताल प्रशासन कोरोना प्रोटोकॉल से परिचित होने के बावजूद ऐसी भूल कैसे कर सकता है। यह केवल भ्रष्टाचार को दबाने की चेष्टा है।
टंडन ने कहा कि अस्पताल में गबन और घोटालों की जांच होनी चाहिए। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मुकदमा दर्ज कर उच्च स्तर पर अनुसंधान किया जाकर और राज्य सरकार अंकेक्षण रिपोर्ट के अनुसार जनता के टैक्स की धनराशि को भ्रष्ट अधिकारियों से वसूला जाना चाहिए।
एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस अगेंस्ट करप्शन का नारा दे रहे हैं वहीं जेएलएन अस्पताल में हुए भ्रष्टाचार पर क्यों पर्दा डाला जा रहा है। सांकेतिक धरना देने के बाद भी सरकार ने कार्यवाही नहीं की तो निष्ठावान कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा पुरजोर आंदोलन खडा किया जाएगा।