पटना। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक जनता दल यूनाइटेड से नाराज लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने आज दावा किया कि 10 नवंबर को विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद नीतीश कुमार मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे।
जमुई से सांसद पासवान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार की सरकार बनाने की पहली पसंद राजद नीत महागठबंधन के साथ है। 10 नवंबर को चुनाव परिणाम के बाद प्रदेश की जनता यह देख लेगी कि उनके इस दावे में कितना दम है। उन्होंने कहा कि राजद के साथ मिलकर कुमार मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे। वैसे भी कुमार 2024 की तैयारी में जुट गए हैं।
लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री कुमार और भारतीय जनता पार्टी के बीच आंतरिक विवाद है तथा इसे लेकर प्रदेश में अविश्वास का माहौल है। कुमार जिसका विरोध करते हैं उनके साथ मिलकर सरकार बना लेते हैं। इसका उदाहरण बिहार विधानसभा का 2015 का चुनाव है। उन्होंने कहा कि कुमार ने कुर्सी मोह के कारण नीति और सिद्धांतों को ताक पर रख दिया है।
पासवान ने लोजपा के भाजपा के साथ होने की बात को दोहराया और कहा कि उनका अपना एजेंडा है तथा वह उस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने 26 अक्टूबर को मुंगेर में हुई घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कुमार ने इस मामले पर पूरी तरह से चुप्पी साध ली है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ-साथ वह गृह मंत्री भी हैं और उन्हें मुंगेर की घटना को गंभीरता से लेना चाहिए था। उन्होंने नया नारा दिया ‘नीतीश कुआं तो तेजस्वी खाई लोजपा-भाजपा सरकार बनाई।’
लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस बार के विधानसभा चुनाव में कुमार का चेहरा मुरझा गया है। वह चुनाव में पूरी तरह से टूट गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों ने कुमार को पूरी तरह से नकार दिया है और इसका फैसला 10 नवंबर को परिणाम के बाद सबको पता चल जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बिहार में पलायन, शिक्षा और रोजगार को ठीक नहीं कर पाए। श्री कुमार की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय में जिस तरह से घोटाला और भ्रष्टाचार हुआ है वह स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है।
पासवान ने मुख्यमंत्री कुमार के नाम एक पत्र भी जारी किया, जिसमें उन्होंने पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान को लेकर कई सवाल पूछे हैं। पत्र में उन्होंने लिखा है कि पापा के अंतिम दिनों की चिंता आप कर रहे हैं जो मुझे हैरान करती है क्योंकि पापा जब तक जीवित थे तब तक न आपने फोन किया और न ही मिलने की कोशिश की।
देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से लेकर आम लोगों को भी पापा की तबीयत की जानकारी ली थी लेकिन आपने बयान दिया था कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। यह हैरान करता है। इसके साथ ही जदयू की ओर से लगाााए जा रहे व्यक्तिगत आरोपों पर भी सवाल उठाए गए हैं।