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गुर्जर आंदोलन : नतीजे पर नहीं पहुंच पाई बैंसला से IAS नीरज की बातचीत - Sabguru News
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गुर्जर आंदोलन : नतीजे पर नहीं पहुंच पाई बैंसला से IAS नीरज की बातचीत

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गुर्जर आंदोलन : नतीजे पर नहीं पहुंच पाई बैंसला से IAS नीरज की बातचीत

भरतपुर। राजस्थान में गुर्जर आरक्षण मसले को लेकर दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर पीलूपुरा रेलवे ट्रेक को जाम कर आंदोलन कर रहे गुर्जर समाज के कर्नल बैंसला और आईएएस नीरज के़ पवन के बीच बातचीत फिलहाल किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है।

पवन रात में अचानक आंदोलन स्थल पर पहुंचे और कर्नल बैंसला को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कर्नल बैंसला एवं विजय बैंसला की उपस्थिति में समाज के लोगों से गुर्जरों की विभिन्न मांगों पर सरकार की सहमति बताते हुए आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया। इस दौरान समाज के लोग सरकारी भर्तियों में बैकलॉग एवं मृतकों को नौकरी एवं मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। करीब 40 मिनट बाद नीरज के पवन वापस जयपुर के लिए रवाना हो गए।

नीरज के पवन ने कहा कि वह गुर्जरों की मांग से सरकार को अवगत कराएंगे और जो भी कमी रह गई है, उन्हें दूर करवाया जाएगा। नीरज के पवन ने कहा कि अधिकतर मांगे पुरानी ही है और सरकार गुर्जरों के पक्ष में खड़ी हुई है। जो भी वाजिब मांग हैं, उन्हें पूरा करने के लिए सरकार कटिबद्ध है। नीरज के पवन के उदबोधन के बाद कर्नल बैंसला ने समाज के लोगों की राय जानी, लेकिन आंदोलनकारी ट्रेक से हटने को राजी नहीं हुए।

इस बीच पीलूपुरा रेलवे ट्रेक पर कब्जा जमाए बैठे गुर्जर आंदोलनकारियों को हटाने की मांग को लेकर मंगलवार को नहरा क्षेत्र के 80 गांवों के प्रमुख पंच-पटेल हिंडौन आए, लेकिन बैंसला के घर पर नहीं मिलने की जानकारी होने पर उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। इस प्रतिनिधिमंडल में वे लोग भी शामिल थे, जो सरकार के साथ समझौता करके लौटे थे और सहमति जताते हुए आंदोलन समाप्त करने की मांग कर रहे थे।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल अतर सिंह ने बताया कि 30 अक्टूबर को सरकार के साथ 41 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जयपुर वार्ता के लिए गया और उस दौरान वार्ता करके गुर्जरों की विभिन्न मांगों पर समझौता हो गया। इसके बावजूद कर्नल बैंसला ने आंदोलन शुरु करते हुए एक नवंबर को रेलवे ट्रेक जाम कर दिया। इससे आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

यदि कर्नल बैंसला को समझौता पत्र में कुछ संशय है तो सरकार के साथ बातचीत के द्वार खुले हुए हैं। ऐसे में आंदोलन समाप्त करवाने की मांग को लेकर पहले पंच-पटेलों की बैठक बयाना में हुई थी और उसके बाद कर्नल बैंसला से मिलने का निर्णय लिया।

रामजीलाल सरपंच के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में शामिल अतर सिंह, रामप्रसाद, हरकिशन, भंवरपाल,दया सरपंच, लज्जाराम, मेजर सरपंच, बहादुर सिंह, हाकिम, मलखान सहित काफी लोग गाडियों में सवार होकर हिंडौन आए। वे हिंडौन के आरओबी के पास पहुंचे ही थे कि उन्हें बैंसला गाडी से कहीं जाते हुए दिखाई दिए। जिस पर सभी लोग लौट गए।