बूंदी। राजस्थान में बूंदी जिले के रामनगर के एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में सदर थाना के थाना प्रभारी सहित सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया हैं।
कोटा रेंज के पुलिस उपमहानिरीक्षक रविदत्त गौड़ ने आज इस मामले में बूंदी के सदर थाने के सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। इससे पहले इस मामले में एक सहायक पुलिस उप निरीक्षक सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के आदेश जारी किए गए थे।
मामले के अनुसार रामनगर चौकी पुलिस के पांच कर्मचारी रामनगर गांव पहुंचे और वहां एक ढाबे पर हरजी कंजर को पकड़कर थाने की ओर ले जाने लगे। पुलिस का हरजी पर जुआ- सट्टा चलाने का आरोप था जिसमें पूछताछ के लिए पुलिस उसे थाने ले जा रही थी।
इस दौरान उसके परिवार वालों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया। पुलिस जब हरजी को थाने की ओर ले जा रही थी, तभी उसकी तबीयत बिगड़ गई और पुलिस वाले उसे लेकर बूंदी के सरकारी अस्पताल पहुंचे जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
हरजी की मौत की सूचना मिलते ही सोमवार दोपहर को बड़ी संख्या में रामनगर गांव के लोग और कांग्रेसी- भाजपा के नेता सरकारी अस्पताल में जमा हो गए और उन्होंने इस घटना के प्रति विरोध प्रकट करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।
इसके बाद मौके पर बूंदी के पुलिस अधीक्षक अतिरिक्त पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचे। शाम को श्री गौड भी बूंदी पहुंचे जिन्होंने हंगामा कर रहे लोगों को उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए हरजी को हिरासत में लेने वाले एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक सहित पांच पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया।
प्रशासन इस मामले की पहले ही न्यायिक जांच के आदेश दे चुका है और मजिस्ट्रेट ने जांच भी शुरू कर दी। पुलिस ने मृतक के शव का एक मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम भी करवाया है और पोस्टमार्टम की कार्यवाही की वीडियोग्राफी भी करवाई।
मृतक के परिवार ने परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, 20 लाख रुपए का मुआवजा देने और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।