आबूरोड़(सिरोही)। वनवासी बाहुल्य भाखर क्षेत्र के उपलाखेजडा़ गांव में दीपावली मनाने का अपना अलग लहजा है। प्रतिवर्ष इस पर्व के मौके वनवासी गुजरात के पोसीना जाकर वहां निर्मित भाखर बावसी की प्रतिमा को लाते हैं।
पवित्रता का रखा जाता है ख्याल
इस दौरान वनवासी आस्था पूर्वक प्रतिमा को लाने से लेकर स्थापित करने तक पवित्रता का पूरा ख्याल रखते हैं। सूर्योदय से पूर्व स्नानादि के पश्चात शुभ मुहूर्त में प्रतिमा खरीद के लिए निकल पड़ते हैं। कुछ वर्षों पूर्व वाहनों से परहेज कर पैदल ही आवागमन किया जाता था। लेकिन अब कुछ वनवासी वाहनों में सवार होकर प्रतिमा लाने लगे है। व्रत धारी होते हैं।
घर-घर में जुड़ी है आस्था
वनवासी देवाराम परमार ने बताया कि मान्यता अनुसार साल भर पशुधन एवं उपज को आपदा से बचाने के लिए जुड़ी अटूट आस्था अभी भी कायम है। गांव के लोग दिवाली पूजन से पूर्व भाखर बावसी स्थापित करने का श्रीगणेश करने के बाद ही पर्व पूजन का शुभारंभ करते हैं।
दुर्गम है मांड बावसी का पहाड़
उपलाखेजडा गांव से दान बोर होते हुए रणोरा के ऊपरी पहाड़ी पर स्थित वह मंदिर जहां इस गांव के लोग पैदल जा कर मूर्ति स्थापित करते हैं। जिसमें अलग-अलग समूह में लोग जाकर आते जाते रहते हैं। इसे यहां लोक देवता से कम नहीं आंका जा सकता है।