विश्व शौचालय दिवस
नई दिल्ली/जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि 6 साल पहले देश में विश्व शौचालय दिवस हो सकता है या होना चाहिए, इसकी कोई चर्चा भी नहीं थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को जनांदोलन बना दिया। उनकी प्रेरणा से देश खुल में शौच से मुक्ति हो गया। हमने पहला पायदान हासिल कर लिया, हम दूसरे पायदान पर हैं और हमें तीसरे पायदान पर जाना है। संपूर्ण स्वच्छता को जीवन का अंग बनाना है।
गुरुवार को विश्व शौचालय दिवस पर स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण) के अंतर्गत सरपंच संवाद और पुरस्कार समारोह में शेखावत ने कहा कि शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि देश का प्रधानमंत्री लालकिले से शौचालय की चर्चा करेगा, हाथ में झाड़ू लेकर स्वच्छता के लिए खुद आगे बढ़कर उदाहरण प्रस्तुत करेगा, हाथ में उपकरण लेकर ईंटें रखकर शौचालय निर्माण करेगा, खुद शौचालय की सफाई करते हुए दिखाई देगा और देश में स्वच्छता जनांदोलन बन जाएगा।
आज पूरा देश शौचालय निर्माण और देश को स्वच्छ बनाने के संकल्प में जुटा है। 2.55 लाख से ज्यादा सरपंच इस काम में पूरी ताकत के साथ जुटे हैं। लाखों महिलाएं जुटी हैं। छोटे-छोटे बच्चों ने सैनिक के रूप में काम किया है।
शेखावत ने कहा कि खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस घोषित हो चुके गांवों में शौचालय के प्रयोग के प्रति लोग जागरूक हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि गांव में लिक्विड वेस्ट और सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का काम किया जाए, उसके डिस्पोजल के लिए ठीक से व्यवस्था बने, एक सुचारू और हमेशा सतत कार्य़ करने वाला एक तंत्र बने। इस दिशा में हमें काम करना है।
कार्यक्रम में सरपंचों और प्रधानों ने अपने अनुभव साझा किए। शेखावत ने कहा कि सरपंचों व प्रधानों के सकारात्मक काम से निश्चित रूप से एक नया और सुनहरा भारत बनेगा, जिसकी कल्पना प्रधानमंत्री ने की है। उन्होंने कहा कि आज 20 जिलों को सम्मानित किया गया, यह एक प्रतीक है। यह केवल 20 जिलों का सम्मान नहीं है, बल्कि इस यज्ञ में जुड़े प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान है। देश के हर जिले में अभूतपूर्व काम किया गया है। विजेताओं को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
गोबर को बनाएं कंचन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में पशुओं की संख्या ज्यादा है। गोबर के कारण गांवों में गंदगी होती है। प्रधानमंत्री ने गोबर को कंचन बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। गांवों में गोबर से गैस बनाकर पशुपालक अतिरिक्त आय पैदा कर रहे हैं। हरियाणा और गुजरात में इस तरह के प्रयोग हुए हैं। गांव में गोबर खरीद कर इकट्ठा किया जा रहा है। गोबर से गैस बनाकर गाड़ियों में उपयोग किया जा रहा है। गोबर से गांवों में बिजली बनाई जा रही है। गांव के प्रत्येक घर में गोबर गैस की पाइप लाइन है।
कूड़ा अलग करने की आदत डालें
शेखावत ने कहा, यूरोप और विकसित देशों में जब हम देखते हैं तो वहां कोई गंदगी नहीं दिखती है, ये केवल सरकार का काम नहीं है, इसमें सभी का सहयोग निहित है। विकसित देशों में गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग रखा जाता है। अगर घर से गीला कूड़ा में सूखा कूड़ा या सूखा कूड़ा में गीला कूड़ा डाला जाता है तो वह कूड़ा उन्हें जुर्माने के साथ वापस किया जाता है। हमें भी गीला और सूखा कूड़ा को अलग-अलग रखने की आदत डालनी होगी, जिससे कूड़े के निस्तारण में सहयोग मिल सके।
शौचालय पर फिल्म बनना बड़ा बदलाव
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस देश में शौचालय और सैनेटरी पैड पर घर में कोई चर्चा नहीं होती थी, उस देश में टायलेट एक प्रेम कथा और पैडमैन जैसी ब्लाकबस्टर फिल्में बन रही हैं। यह निश्चित रूप से देश में बड़ा बदलाव है।