नई दिल्ली। पाकिस्तान में कैद भारतीय नाैसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मुकदमे को एक अन्य कैदी के मामले के साथ जोड़ने और केस बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां नियमित ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में बताया कि पाकिस्तान जाधव के मामले को किसी अन्य कैदी के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि नियमित राजनयिक व्यवहार के तहत भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान में सजा काटने के बाद भी कैद भारतीय कैदी मोहम्मद इस्माइल की रिहाई एवं स्वदेश वापसी के लिए एक स्थानीय वकील शाहनवाज नून को अनुबंधित किया था।
प्रवक्ता ने बताया कि मोहम्मद इस्माइल के मुकदमे के दौरान ही पाकिस्तानी अटॉर्नी जनरल ने जाधव के केस को भी उठाया जबकि दोनों मामलों का आपस में कोई संबंध नहीं है। बताया गया है कि इस पर नून ने जो बयान दिए, वे सत्य से परे थे और भारत के पक्ष को प्रतिबिंबित नहीं करते थे। ऐसा प्रतीत हुआ मानो वह पाकिस्तानी शासन के दबाव में अनधिकृत बयान दे रहा है।
श्रीवास्तव ने कहा कि नून ने भारतीय उच्चायोग के रुख को गलत ढंग से पेश किया। इसके बाद भारतीय उच्चायोग की ओर से स्पष्ट रूप से बताया गया कि नून को भारत सरकार अथवा कुलभूषण जाधव को गलत ढंग से उद्धृत करने का कोई अधिकार नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के आदेश के अनुरूप कुलभूषण जाधव को निर्बाध राजनयिक संपर्क सुलभ कराने तथ मुकदमे से जुड़े सभी दस्तावेज सुलभ कराने में पूरी तरह से विफल रहा है।