लखनऊ। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में शुक्रवार को आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
हाथरस के चंदपा क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले की जांच कर रही सीबीआई ने चारों आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, छेड़छाड़ तथा एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज किया है। मामले की जांच अधिकारी सीमा पाहूजा ने इस सिलसिले में आज आरोप पत्र दाखिल किया जिसमें संदीप, लवकुश, रवि और रामू को सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, छेड़छाड़ तथा एससी-एसटी एक्ट का आरोपी माना गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अनुशंसा के बाद सीबीआई ने 11 अक्टूबर को मामले की जांच शुरू की थी जिसकी मानीटरिंग उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ कर रही थी। इस सनसनीखेज मामले में सीबीआई ने 22 सितंबर को पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाया है।
आरोपियों के वकील ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या के आरोप लगाए तथा हाथरस में स्थानीय अदालत ने संज्ञान लिया है। सीबीआइ ने दो दिन पहले हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुनवाई के दौरान 18 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल करने की बात कही थी।
इस मामले की जांच कर रही सीबीआइ पीड़िता के भाई को फोरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात के गांधीनगर लेकर जाएगी। यहां उसका साइकोलॉजिकल एक्सेसमेंट कराया जाएगा। हाथरस कांड में पीड़िता के भाई की ओर से ही एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
बूलगढ़ी कांड के चारों आरोपितों के गांधीनगर में पॉलीग्राफ टेस्ट हो चुका है। इसके साथ ही जांच एजेंसी ने बूलगढ़ी गांव में सीन रीक्रिएशन करने के साथ ही यहां पर हर स्तर की पड़ताल कर चुकी है। सीबीआइ गांव में मृतका के भाई और घटनास्थल वाले खेत के मालिक का पॉलीग्राफ कराने के प्रयास में है। अभी तक दोनों इनकार कर रहे हैं।