बारां। राजस्थान के बारां जिले में निकाय चुनाव के दौरान कांग्रेस ने लगातार तीसरी बार बारां नगर परिषद और अंता नगर पालिका में हेट्रिक लगाकर कांग्रेस का बोर्ड बना लिया।
उधर, भारतीय जनता पार्टी भाजपा बारां, अंता में अपने पार्षदों को को एक नहीं रख पाई। बारां में अल्पमत में होने के बावजूद भाजपा को शर्मसार होना पडा। एक पार्टी पार्षद का वोट कांग्रेस के पाले में चला गया। वहीं जिले के अंता में तो उससे भी ज्यादा शर्मसार हालात रहे जब निर्दलीय रूप से जीती एक महिला पार्षद अनीता गुर्जर को सांसद दुष्यंत सिंह जीत के तत्काल बाद अपनी गाडी में बैठाकर ले तो गए लेकिन पालिकाध्यक्ष चुनाव में महिला पार्षद अचानक कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल के साथ कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने पहुंची।
आश्चर्यजनक पहलू यह रहा कि अंता में एक बार फिर किंगमेकर बनकर कांग्रेस उभरी और कांग्रेस के मुस्तफा खान बराबरी की टक्कर में यहां जीत हासिल कर गए। इसमें मुख्य भूमिका विधायक एवं खान गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया तथा उनके सहयोगी विधायक तथा कांग्रेस जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल की रही।
कांग्रेस के मुस्तफा खान ने भाजपा के रामेश्वर खंडेलवाल को 17 के मुकाबले 18 मत प्राप्त कर एक मत से पराजित कर अंता नगर पालिका में पहली बार अल्पसंख्यक वर्ग से अध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त कर लिया।
इससे पहले कडी सुरक्षा के बीच बारां नगर परिषद एवं अंता नगर पालिका के चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू की गई। बारां नगर परिषद में कांग्रेस के पास 32 पार्षदों का स्पष्ट बहुमत था तथा भाजपा के पास 22 पार्षदों का दल था। पांच पार्षद एसडीपीआई से बतौर निर्दयलीय जीते थे। जिन्होनें पूर्व में मतदान से तटस्थ रहने की घोषणा की थी।
लेकिन मतदान में भाजपा को एक बार बुरे हालात से गुजरना पडा जब उसके दो पार्षद बागी होकर कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर बैठे। वहीं तटस्थ रहने की घोषणा करने वाले एसडीपीआई के पाचं पार्षदों ने भी कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर कांग्रेस को एकपक्षीय जीत की ओर अग्रसर कर पूर्व में दो बार नगर परिषद सभापति रहे कैलाश पारस की पत्नी ज्योति पारस को 40 मत मिले।
भाजपा की संतोष बैरवा को 20 मतों पर संतोष करना पडा। यहां भाजपा नेताओं को अपने ही कार्यकर्ताओं के काफी विरोध का सामना करना पडा। इसी प्रकार जिले की अंता नगर पालिका में कांग्रेस एवं भाजपा को बराबर 16-16 सीटे प्राप्त हुई थी। इसके अलावा तीन निर्दलीय पार्षदों में से दो पार्षदो का भाजपा अपने पक्ष में होने का दावा कर रही थी।
चर्चा थी कि यहां भाजपा के रामेश्वर खंडेलवाल को काफी लंबे अरसे बाद भाजपा प्रत्याशी के रूप में निश्चित जीत हासिल होगी, लेकिन दोपहर उस वक्त लोग दांतों तले अंगुली दबा गए जब क्षेत्रीय सांसद दुष्यंत सिंह के साथ बैठकर गई निर्दलीय पार्षद अनिता गुर्जर जब मतदान करने आई तो बारां विधायक पानाचंद मेघवाल के वाहन में सवार थी। ठीक परिणाम भी वही निकला कि कांग्रेस के मुस्तफा खान, भाजपा के रामेश्वर खंडेलवाल के मुकाबले एक वोट से जीत गए।