जयपुर। कोरोना काल के चलते नवरात्रि, दिवाली और छठ पूजा के काल में सार्वजानिक स्थानों पर एकत्रित आना और पटाखे जलाने पर प्रतिबन्ध था, जिसका समाज के अनेक वर्गों ने स्वागत किया, क्योंकि महामारी के काल में पर्यावरण और समाज के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर ही त्यौहार मनाना हिन्दू धर्म सिखाता है। किन्तु आज देखा जा रहा है कि दिल्ली एनसीआर के अनेक स्थानों पर सार्वजानिक पार्टियों के विज्ञापन ऑनलाइन भी दिखाई दे रहे हैं!
25 तथा 31 दिसंबर की रात बड़े प्रमाण में पटाखे जलाना, धूम्रपान, मदिरासेवन और मादक पदार्थों का सेवन आदि किया जाता है साथ ही इस रात मदिरापान कर बहुत गति से वाहन चलाने से दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। इस वर्ष कोरोना महामारी का सर्वत्र कहर है। अनेक विशेषज्ञ कोरोना की दूसरी लहर आने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं।
यहां महत्त्वपूर्ण बात ये है कि कोरोना की इस वैश्विक महामारी के काल में पटाखे जलाने से प्रदूषण बढ़ने के साथ ही, सामान्य जनता को श्वसन संबंधी कष्ट भी हो सकते हैं। ऐसे में पार्टियों के कारण कोरोना का संक्रमण अधिक मात्रा में फैलने की संभावना भी अधिक है। इस समय रात को राज्य के प्रमुख पर्यटनस्थलों, किलों, ऐतिहासिक स्थलों आदि सार्वजनिक स्थानों पर जाना प्रतिबंधित किया जाए।
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान, मदिरासेवन करने और पार्टियां करने पर प्रतिबंध लगाया जाए, साथ ही पटाखे जलाने पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगाया जाए। इस मांग के लिए हिन्दू जनजागृति समिति ने केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री, मुख्यमंत्री, राज्य पर्यावरण मंत्री, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल, पुलिस महानिदेशक, राजस्थान के सभी जिलों के जिलाधीश को ज्ञापन मेल के माध्यम से दिया गया।
इस ज्ञापन के द्वारा ये अनुरोध भी किया गया कि आने वाले 25 दिसंबर तथा 31 दिसंबर की रात में होने वाली अनुचित घटनाओं पर तथा पटाखा जलाने पर पूर्णत: रोक लगाने के जनजागृति अभियान को प्रशासन का सहयोग भी मिले। देश में सेक्युलर तंत्र को देखते हुए जिस प्रकार नवरात्रि, दिवाली और छठ पूजा के समय सार्वजानिक त्यौहार मनाने पर प्रतिबन्ध लगाया गया, उसी प्रकार क्रिसमस और अंग्रेजी नव वर्ष पर सार्वजानिक स्थानों पर पार्टियां करने और पटाखे जलाने पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लगाते हुए सरकार पर्यावरण और समाज के स्वास्थ्य का ध्यान रखे!