अलवर। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक एवं नागौर के सांसद हनुमान बेनीवाल ने किसानों के आंदोलन के समर्थन में आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का साथ छोड़ने का ऐलान कर दिया।
किसान आंदोलन के समर्थन में दिल्ली कूच के लिए शाहजहांपुर बार्डर पहुंचे बेनीवाल ने किसानों की सभा को संबोधित करते हुए यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अब वह किसी भी स्थिति में राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी से कोई गठबंधन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार को किसानों के खिलाफ लाए गए तीनों कृषि कानून को वापस लेना होगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की सरकार धन्ना सेठों का 3000 करोड रुपए माफ कर सकती है तो किसानों का कर्जा माफ क्यों नहीं किया जा सकता। राजस्थान में 82000 करोड का कर्जा माफ किया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि सरकार हर प्रकार के टैक्स तो लेती है लेकिन उन्हें कोई सुविधाएं नहीं देती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के किसानों को मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए और टोल नाके बंद होने चाहिए ।
उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अभी उनके पास सूचना आई है कि दिल्ली की सरकार 29 दिसंबर को किसानों से बातचीत करेगी उन्होंने कहा कि बातचीत के बाद जो हल निकलता है वह किसानों की सबसे बड़ी जीत होगी। उन्होंने कहा कि वह कोई राजनीतिक फायदा लेने के लिए यहां नहीं आए हैं और राजग को छोड़कर आए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के नेता यह कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के कारण ही हनुमान बेनीवाल सांसद बने हैं। तो उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि वर्ष 2023 में भाजपा को तीसरे नंबर पर धकेलने का उनका मुख्य काम होगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने ढाई लाख ही वोट दिलवाए थे जबकि उन्होंने उसके बाद भाजपा के पक्ष में प्रचार कर तीस लाख वोट दिलवाए हैं।
राजस्थान की राजनीति पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं। एक सांप नाथ है तो दूसरी नागनाथ। उन्होंने कहा कि किसानों की सत्ता लानी है और अब दिल्ली दूर नहीं। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां के कुछ नेता इन की गोद में जाकर बैठ गए हैं।
उन्होंने कहा कि अब किसानों की जीत होने पर दोनों पार्टियों को नानी याद दिला देंगे। उन्होंने कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह किसान आंदोलन को लेकर किस तरह अपना फोटो खिंचवाने के लिए आगे आती हैं धारा 144 तोड़ती हैं फिर अफसरों को फोन करती के कहती हैं कि अब वह आ रही है और गिरफ्तार कर लीजिएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में किसानों का कोई उद्धार नहीं हुआ और देश में आपातकाल लागू किया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बेटे को स्थापित करने के लिए सारे षड्यंत्र रच रहे हैं किसानों का कोई काम नहीं कर रहे हैं और यही काम भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने किया।
हनुमान बेनीवाल के साथ सैकड़ों किसान पहुंचेंगे शाहजहांपुर बॉर्डर
किसान आंदोलन के समर्थन में राजस्थान से किसानों का हरियाणा सीमा पर पहुंचना जारी हैं और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में सैकड़ों किसान आज शाम शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचेंगे।
किसान आंदोलन के समर्थन में लगातार शाहजहांपुर बॉर्डर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर किसानों के पहुंचने से जमावड़ा बढ़ता जा रहा है और किसानों के दिल्ली कूच के मद्देनजर हरियाणा सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई हैं।
बेनीवाल के शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुंचने से पहले हरियाणा पुलिस ने बॉर्डर पर कई जगह अवरोधक लगा दिए गए हैं। सैकड़ों हरियाणा पुलिस के जवान बॉर्डर पर तैनात किए गए हैं। जयपुर-दिल्ली मार्ग अवरुद्ध होने से दिल्ली आने जाने वालों को मार्ग बदलकर जाना पड़ रहा हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सैकड़ों किसान अपने वाहनों के साथ कोटपुतली में एकत्रित हुए हैं और वे बेनीवाल के नेतृत्व में शाहजहांपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गए। जयपुर दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसानों के वाहन पहुंचने लगे हैं और इनमें अलवर जिले के अलावा नागौर एवं सीकर जिले के किसान भी शामिल हैं। इस संबंध में बेनीवाल ने जयपुर और अलवर में किसानों को एकजुट करने के लिए जनसंपर्क भी किया था। वह शुक्रवार रात को तैयारियों का जायजा लेने के लिए अलवर पहुंच गए थे।
बेनीवाल ने आज सुबह दिल्ली कूच से पहले सोशल मीडिया के जरिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसान आंदोलन के समर्थन में दिल्ली कूच के कार्यक्रम में भाग ले और किसान आंदोलन के समर्थन में किसानों की आवाज बुलंद करने का आह्वान भी किया। बेनीवाल शाहजहांपुर बार्डर पर पहुंचकर किसानों की सभा को भी संबोधित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन के समर्थन में शाहजहांपुर बार्डर पर किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर कई किसान संगठन मार्ग के दोनों और टेंट लगाकर पड़ाव डाल रखा हैं। इनमें प्रदेश किसान संघर्ष समिति राजस्थान के संयोजक हिम्मत सिंह गुर्जर सहित कई किसान नेता शामिल हैं।
जाट ने बताया कि आंदोलन के समर्थन में किसानों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी देने वाला कानून बनाने एवं तीन कृषि कानूनों को वापस लिया जाने के बाद ही किसानों का जमावड़ा हटेगा।