नई दिल्ली। सरकार ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर पारादीप बंदरगाह के विकास को आज मंजूरी प्रदान कर दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुयी मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इसके तहत बंदरगाह में केप आकार के जहाजों के आवागमन के लिए पीपीपी मोड के तहत निर्माण, संचालन और हस्तांतरण (बीओटी)के आधार पर पश्चिमी गोदी के विकास समेत आंतरिक बंदरगाह से जुड़ी सुविधाओं को मजबूत और उन्नत बनाने का प्रस्ताव है।
इस परियोजना की अनुमानित लागत 3,004.63 करोड़ रुपये है। इसमें रियायत पाने वाली चयनित कंपनियों द्वारा क्रमशः 2,040 करोड़ रुपये और 352.13 करोड़ रुपये की लागत से बीओटी आधार पर नए पश्चिमी गोदी का विकास और पूंजी उगाही शामिल है। परियोजना के लिए सामान्य सहायक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने की दिशा में पारादीप बंदरगाह का निवेश 612.50 करोड़ रुपये का होगा।
प्रस्तावित परियोजना में बीओटी आधार पर चयनित कंपनियों द्वारा केप आकार के जहाजों के आवागमन की सुविधा के लिए 2.5 करोड़ टन वार्षिक क्षमता वाले पश्चिमी गोदी बेसिन के दो चरणों में निर्माण की परिकल्पना की गई है। प्रत्येक चरण में 12.50 एमटीपीए क्षमता का निर्माण किया जायेगा।
रियायत की अवधि रियायत प्रदान किये जाने की तिथि से 30 वर्ष तक की होगी। पारादीप पोर्ट ट्रस्ट (रियायत प्रदान करने वाला प्राधिकरण) केप आकार के जहाजों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए ब्रेकवाटर एक्सटेंशन एवं अन्य सहायक सुविधाओं समेत परियोजना का सामान्य सहायक बुनियादी ढांचा प्रदान करने का कार्य करेगा।