नई दिल्ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि कार में अकेले के लिए मास्क पहनने संबंधी मत्रालय की ओर कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं।
एक अधिवक्ता सौरम शर्मा की ओर से दायर याचिका पर एक हलफनामे पर सरकार ने अपना यह रूख व्यक्त किया है। मंत्रालय की ओर से न्यायालय को बताया गया कि चूंकि स्वास्थ्य का मसला राज्य का है और प्रथमदृष्टया यह दिल्ली सरकार से संबंधित हैं। इस आधार पर मंत्रालय ने प्रतिवादियों की सूची से अपना नाम हटाए जाने का न्यायालय से आग्रह किया है।
याचिकाकर्ता ने अपनी निजी कार को चलाने के दौरान मास्क नहीं पहनने के कारण 500 रूपए का चालान जारी किए जाने को न्यायालय में चुनौती दी थी। उन्होंने सार्वजनिक रूप से मानसिक तौर पर प्रताड़ित किए जाने के लिए 10 लाख रूपए का मुआवजा भी मांगा है।
याचिका में कहा गया है कि महामारी रोग अधिनियम के तहत सभी सार्वजनिक स्थल/कार्यस्थलों पर मास्क पहनने संबंधी दिशानिर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर अधिकारी पहली बार 500 रूपए और दूसरी दफे ऐसा किए जाने पर 1000 रूपए का जुर्माना कर सकते हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि दिशानिर्देश केवल सार्वजनिक स्थानों अथवा कार्यस्थलों पर लागू होता है।