सबगुरु न्यूज-सिरोही। रामझरोखा मैदान में सेवा भारती को निलाम की गई भूमि की निलामी बुधवार का पूर्ण हुई। दो दिवसीय निलामी प्रक्रिया के अंतिम दिन प्रकाश माली ने अधिकतम बोली करीब 78 लाख 20 हजार 329 रुपये बोली। इसके बाद किसी की बोली नहीं आने पर इसे ही अंतिम बोली माना गया।इससे पहले विनोद देवड़ा ने 78 लाख 10 हजार 329 रुपये बोली बोली थी।
शेष प्रक्रिया 21 जनवरी को हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूर्ण की जाएगी। निलामी के दौरान किसी विवाद को रोकने के लिए काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। लेकिन, सामान्य आपत्तियों को छोड़कर निलामी प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही।
– आई आपत्तियां भी
निलामी के दौरान आरएसएस के अनुषांगिक संगठन सेवा भारती और भाजपा के पदाधिकारी भी मौजूद थे। नगर परिषद में भाजपा पार्षदों ने बोली शुरू होने से पहले हाईकोर्ट का आदेश आने तक निलामी शुरू नहीं करने की मांग रखी। वो वहां धरने पर भी बैठे। नगर परिषद सभापति महेन्द्र मेवाड़ा के वहां पहुंचने पर उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बोलीदाता के पैसे डूबने की आशंका जताई।
उन्होंने निलामी प्रक्रिया रोकने की मांग की, लेकिन सभापति महेन्द्र मेवाड़ा ने हाईकोर्ट के आदेशानुसार बोली को अनवरत रखने की बात कही। इस बीच बोलीदाता अपना पंजीयन करवाते रहे। करीब नौ बोलीदाताओं ने इसमें हिस्सा लिया।
मंगलवार की 43 लाख की अंतिम बोली से बोली आगे बढ़ी। लाख-लाख रुपये बढ़ते हुए प्रकाश माली ने 78 लाख 20 हजार पर अंतिम बोली बोली गई। इससे आगे किसी बोलीदाता के नहीं आने पर इस बोली को अंतिम माना गया।
-हिन्दु श्मशान समिति ने जमा करवाई आपत्ति
बोली के दौरान ही हिन्दु श्मशान समिति के अध्यक्ष करणसिंह ने अपने अधिवक्ता अशोक पुरोहित के साथ मौके पर पहुंचकर अपनी आपत्ति जताई। उनका दावा था कि जो भूमि निलाम की जा रही है, भूखण्ड से सटी हिन्दु सेवा समिति की जमीन आ रही है। इसकी जमाबंदी इसमें है। इसलिए बोली लगने से पहले जमीन की पैमाइश करवाई जाए। उन्होंने पास ही पानी की टंकी से सुरक्षा की तकनीकी रिपोर्ट भी दिलवाने की बात कही।
– अब आगे क्या?
फिलहाल अधिकतम बोलीदाता के प्रकाश माली के नाम से किसी तरह की डिमांड नहीं निकाली गई है। इस भूमि का आवंटन निरस्त करने को लेकर सेवा भारती राजस्थान हाईकोर्ट में गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने निलामी रोकने की बजाय सशर्त निलामी की अनुमति दी।
इसके तहत बोलियां लगाई जा सकती थी, लेकिन बोली लगने के बाद एक चौथाई राशि जमा करने और बोली को अंतिम करने की प्रक्रिया को रोक दिया था। करीब 3750 वर्गफीट जमीन की आरक्षित दर 17 लाख 50 हजार थी। निलामी में बोली गई राशि सेवा भारती को रियायती दर पर भूमि देने पर मिलने वाली राशि आठ लाख 75 हजार रुपये की राशि से करीब नौ गुणा है।