अजमेर। राजस्थान में अजमेर के तीर्थराज पुष्कर पहुंचे अखिल भारतीय श्री पंचनिर्वाणी अनि अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव महंत गौरीशंकर दास ने जगतपिता ब्रह्मा मंदिर की अव्यवस्थाओं पर नाराजगी व्यक्त की है।
एक दिवसीय यात्रा पर अयोध्या से पुष्कर पहुंचे महंत गौरीशंकर दास ने आज मीड़िया से बातचीत में कहा कि ब्रह्मा जी का मंदिर की स्थिति संतों-महंतों के हाथों में सुचारू चल रही थी। आज जब मैंने दर्शन किए तो स्वयं को असहाय महसूस किया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मा मंदिर की व्यवस्था एकबार फिर संतों के हाथों में आनी चाहिए इसलिए ब्रह्मा जी मंदिर पर महंत की जल्द नियुक्ति को लेकर इसी 20 जनवरी को महानिर्वाणी अखाड़े की बैठक आयोजित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि वे अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी जी से चर्चा कर जल्द से जल्द यहां महंत को पदस्थापित कराएंगे और ब्रह्मा मंदिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराएंगे। आने वाले दिनों उत्तराखंड के हरिद्वार में होने वाले कुंभ की भव्य तैयारियों एवं आयोजन के सवाल पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से स्पष्ट चर्चा हो चुकी है कि महाकुंभ कमरों में नहीं मैदान पर होगा, भव्य होगा, दिव्य होगा।
महंत ने स्वीकार किया कि कुंभ के विषय में गलत भ्रांति फैलाई जा रही है लेकिन उत्तराखंड सरकार ने आश्वस्त किया है कि कुंभ अखाड़ों के निर्देशानुसार ही आयोजित होगा और आगामी 11 फरवरी तक कुंभ आयोजन का पूरा स्वरूप स्पष्ट हो जाएगा। महंत गौरीशंकर ने देश में हो रहे सरकारी कार्यों, राजनीतिक रैलियों व चुनाव पर तंज कसते हुए कहा कि जब ये सब हो रहा है तो कुंभ आयोजन में किसी को भी क्या ऐतराज है।
अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर निर्माण के सवाल पर महंत गौरीशंकर ने कहा कि उत्तरप्रदेश की योगी सरकार की एक दृष्टि प्रदेश पर तो दूसरी दृष्टि अयोध्या पर है। अयोध्या में सौंदर्यीकरण से लेकर मंदिर निर्माण के सभी कार्य सुचारू हो रहे हैं और पांच वर्ष में अयोध्या का पूरा स्वरूप बदल जाएगा। मंदिर की एक मंजिल तैयार होकर रामलला भी उसमें विराजमान हो जाएंगे। किसान आंदोलन संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने किसानों के प्रति सद्भावना व्यक्त करते हुए अब इसे राजनैतिक आंदोलन करार दिया।