अजमेर। नगर निगम के चुनाव में टिकट वितरण को लेकर भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर इच्छुक उम्मीदवारों में उपजा असंतोष अब दोनों की पार्टियों के अधिकृत प्रत्याशियों की जीत की राह में रोडा बनता नजर आ रहा है। पार्टी से बगावत कर कई प्रत्याशियों ने निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल कर पार्टी के खिलाफ झंडा बुलंद कर दिया है। हालांकि दोनों की प्रमुख दलों के आला नेता बगावत करने वालों को नाम वापसी करने के लिए उनकी मान मनोव्वल में जुट ट गए हैं।
अकेले वार्ड 45 {सामान्य महिला} पर गौर करें तो यहां 10 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से बीजेपी से मनीषा कुमारी गौड और कांग्रेस ने सोनल मौर्य को अधिकृत प्रत्याशी बनाया है। इस वार्ड में आठ निर्दलीय बीना टांक, कुसुम राठौड, लक्ष्मी चौहान, बेबी सैनी, निशा, पिंकी, पिंकी गहलोत, कृष्णा भी किस्मत आजमा रहे हैं। कांग्रेस के वर्चस्व वाले इस वार्ड में नए सीमांकन के बाद जातीगत समीकरण में अधिक बदलाव नहीं आया है। अनुमान के मुताबिक कुल मतदाताओं में 40 प्रतिशत माली, 30 प्रतिशत कोली, 10 प्रतिशत सामान्य तथा शेष अन्य शामिल हैं। ऐसे में वार्ड सामान्य हो जाने से दोनों ही पार्टियों के अधिकृत प्रत्याशियों के प्रति लोगों में बेरूखी देखी जा रही है।
यहां मुख्य बात यह है कि वार्ड में बीजेपी से बगावत कर झंडा बुलंद कर चुनावी समर में उतरने वालों की संख्या अधिक मानी जा रही है, जबकि कांग्रेस भी बगावत करने वालों के तेवरों को देखते हुए बैकफुट पर नजर आती है। दीगर बात यह है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के अधिकृत प्रत्याशियों पर बाहरी होने का ठप्पा लग रहा है। कांग्रेस की सोनल मौर्य वार्ड 44 की हैं तथा भाजपा की सुमित्रा गौड को वार्ड में आए अधिक समय नहीं हुआ है। यहीं वजह है कि दोनों की पार्टियों में अपने अपने प्रत्याशियों के प्रति कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं। फिलहाल हालात बयां कर रहे हैं कि निर्दलीय प्रत्याशी डटे रहे तो वे चुनावी समीकरण को पलट भी सकते हैं।
वार्ड 45 में निवर्तमान पार्षद गोपाल चौहान तथा शहर कांग्रेस के सचिव बालमुकंद टांक अपनी अपनी पत्नियों के लिए टिकट की मांग कर रहे थे। इनके अलावा अन्य दावेदार भी कतार में रहे। टिकट नहीं मिलने पर चौहान तथा टांक ने अपनी पत्नियों को निर्दलीय के रूप में उतारा है। कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी सोनल मौर्य, निर्दलीय लक्ष्मी चौहान, बीना टांक समेत छहों के माली समाज से होने के कारण वोट बंटने के आसार बन रहे हैं। ऐसे में सभी की निगाह कोली समाज पर टिक गई है, जो कि ट्रप कार्ड साबित होगा