नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंदोलनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़पों के बाद आज यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की और राजधानी में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती का आदेश दिया।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार शाह ने गृह सचिव, दिल्ली पुलिस के आयुक्त, गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक तथा कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से स्थिति की समीक्षा की। अधिकारियों ने गृह मंत्री को राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया और स्थिति से निपटने की लिए उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी।
बैठक में राजधानी में अर्द्धसैनिक सैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती का निर्णय लिया गया। कुछ प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है जबकि कुछ और जगहों पर तैनात किया जा रहा है।
आंदोलनकारी किसानों के पुलिस के साथ बनी सहमति को दरकिनार कर राजधानी में लाल किला तथा आईटीओ तक आ जाने के बाद पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई। इसके बाद कुछ क्षेत्रों में स्थिति कुछ समय के लिए काबू से बाहर हो गई थी।
हिंसा और अराजकता के लिए लोकतंत्र में जगह नहीं : कांग्रेस
कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हिंसा को गलत बताते हुए मंगलवार को कहा कि लोकतंत्र में हिंसा तथा अराजकता के लिए कोई जगह नहीं होती है।
पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी आग्रह किया कि सरकार को किसानों को भ्रमित तथा विचलित नहीं करना चाहिए और उन्हें ‘राजहठ’ छोड़कर ‘राजधर्म’ के मार्ग पर चलना चाहिए एवं कृषि विरोधी तीनों कानूनों को वापस लेना चाहिए।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि दिल्ली में आज हुई हिंसक तथा अराजक घटनाओं से कांग्रेस पार्टी और पूरा देश क्षुब्ध है। लोकतंत्र में इस प्रकार की घटनाओं के लिए कोई स्थान नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को अपने ध्येय को ध्यान में रखना होगा। अहिंसा और सत्याग्रह ही इस किसान- मजदूर आंदोलन की सबसे बड़ी कामयाबी रही है। हमें पूरी उम्मीद है कि किसान- मजदूर-गरीब का ये गठजोड़ शांतिपूर्ण तथा अहिंसक आंदोलन के रास्ते पर चल खेती विरोधी काले कानूनों की वापसी के लिए दृढ़ संकल्प रहेंगे।
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