नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने किसानों के आंदोलन को लेकर जोरदार हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित कर दी गयी।
विपक्षी दलों के सदस्याें ने शून्यकाल और प्रश्नकाल तथा इसके बाद भी किसानों के आंदोलन के मुद्दे को उठाया जिसके कारण पहली बार सदन की कार्यवाही साढ़े दस बजे और दुबारा कार्यवाही शुरू हाेने पर साढ़े ग्यारह बजे और इसके बाद साढ़े बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस दौरान सदन के बीच में आकर भारी शोरगुल और नारेबाजी की। पहली बार सभापति एम वेंकैया नायडू और दूसरी बार और तीसरी बार उप-सभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। हंगामे के दौरान सदस्यों से बारबार अपनी सीट पर जाने का अनुरोध किया गया और कल किसानों के मुद्दे को उठाने का आग्रह किया गया।
इससे पहले नायडू के इस मामले पर अनुमति नहीं देने पर विपक्षी दल के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए। इसके बाद प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी दल के सदस्य सदन में आ गए और हंगामा करने लगे। नायडू ने कहा कि सदस्य इस मामले पर सदन से वाकआउट कर गए थे और उन्हें प्रश्नकाल के दौरान सदन को अव्यवस्थित नहीं करना चाहिए। उन्होंने सदस्यों से सहयोग करने का अनुरोध किया और कहा कि वह कल सदन में इस मुद्दे को उठा सकते हैं।
इससे पहले शून्यकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दू शेखर राय, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विश्वम तथा कई सदस्यों ने इस मामले को उठाया था।
गौरतलब है कि किसान केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानून के विरोध में राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो महीने से अधिक समय से धरने पर बैठे हुए हैं और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं।