बाराबंकी। उत्तर प्रदेश में बाराबंकी की हैदरगढ़ पुलिस ने पवन हत्याकांड का खुलासा करते हुए हत्या की साजिश रविवार को उसकी पत्नी और आशिक को गिरफ्तार किया है।
प्रेमिका से अवैध संबंध जारी रहें इसलिए नौ साल पहले आशिक ने गांव के ही पवन से उसका विवाह करा दिया था। इस बीच पति ने पत्नी के आशिक के दिए तोहफा गिरवी रख दिए। इस पर नाराज पत्नी ने आशिक संग मिलकर उसे रास्ते से हटाने को दुबई भेजने तक की प्लानिंग की मगर लॉकडाउन लग जाने के चलते उनका यह प्लान सफल नहीं हो सका था। घटना के 144 दिन बाद पुलिस ने आपराधिक वारदात का राजफाश कर दिया है।
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने रविवार को बताया कि आरोपी अजय सिंह का अपनी बहन की जेठानी की पुत्री से अवैध संबंध था। मुलाकात का सिलसिला जारी रहे इसलिए साजिशन 2012 में अजय ने प्रेमिका का विवाह अपने ही गांव के पवन कुमार से करा दिया था। शादी के कुछ दिन बाद ही पवन की पारिवारिक स्थिति बिगड़ी और आर्थिक तंगी के कारण वह ड्राइवरी करने लगा। इसी बीच उसने शराब पीने के लिए पत्नी के जेवरात गिरवी रख दिए। यह जेवरात अजय ने दिए थे।
उन्होंने बताया कि पवन से पीछा छुड़ाने के लिए पत्नी ने आशिक अजय संग मिलकर भेलसर अयोध्या के कलीम को 70 हजार रुपए देकर दुबई भेजने तैयारी की, पर लॉकडाउन के कारण पासपोर्ट व वीजा नहीं बन सका। इसके बाद अजय ने अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर उसके पति पवन की हत्या की साजिश बनाई। 16 सितंबर 2020 को अजय ने पवन को तीन बोतल शराब पिलाकर अचेत कर दिया और फिर उसे गोमती नदी में ले जाकर फेंक दिया।
पुलिस के अनुसार असंदरा के बेहटा घाट में पीपापुल पर 16 सितंबर को एक शव मिला था। बाइक टीकाराम बाबा घाट के पास हैदरगढ़ में मिली थी। नाले में मिले शव की शिनाख्त सुबेहा के ताला रुकनुद्दीनपुर के पवन कुमार के रूप में हुई। मृतक के भाई लवलेश बहादुर ने अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
वारदात में मृतक के गांव का ही अजय प्रताप सिंह उर्फ बब्लू सिंह और पवन की पत्नी शिम्मी उर्फ निशा शामिल थे। हैदरगढ़ पुलिस ने रविवार सुबह पहले अजय को टीकाराम मंदिर के पास से और पवन की पत्नी को ग्राम अलमापुर से गिरफ्तार किया।