नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के कारण बंद किए गए राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन एक बार फिर जनता के लिए 13 फरवरी से खुलने जा रहा है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 12 फरवरी को राष्ट्रपति भवन के वार्षिक उद्यान उत्सव का शुभारम्भ करेंगे। इससे पहले गुरुवार को पत्रकारों को मुग़ल गार्डन से रूबरू करवाया गया। राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव कीर्ति तिवारी ने संवाददाताओं को बताया कि आम जनता को सुबह 10 से शाम पांच बजे तक गार्डन देखने की सुविधा मिलेगी। आख़िरी प्रवेश शाम चार तक ही सम्भव होगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति भवन के 35 नम्बर द्वार से एक घंटे के लिए एक बार में 100 लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। मुग़ल गार्डन, राष्ट्रपति भवन संग्रहालय और राष्ट्रपति भवन के दर्शन के इच्छुक लोगों के पास प्रवेश के लिए राष्ट्रपति भवन की आधिकारिक वेबसाइट के ज़रिए सिर्फ़ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का ही विकल्प है, जो निशुल्क है।
तिवारी ने कहा कि कोरोना के मद्देनज़र इस बार मुग़ल गार्डन देखने की इच्छा रखने वाले दर्शकों के विशेष दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों से मुगल गार्डन परिसर में पानी, दूध की बोतल, ब्रीफकेस, हैंड बैग, लेडीज पर्स, कैमरा, रेडियो, छाता और अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं प्रतिबंधित रहेंगी। इसके साथ ही लोगों को थर्मल स्क्रीनिंग , मास्क पहनना और सामाजिक दूरी जैसे नियमों का पालन करना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन को देखने के लिए दूर- दूर से लोग आते हैं। दस माह पूर्व से इसे कोरोना संक्रमण के कारण बंद कर दिया गया था। अब एक बार फिर इसे खोला जा रहा है। राष्ट्रपति भवन के इस बाग में ढेरों किस्म के गुलाब और ट्यूलिप के फूल मौजूद हैं। इसके अलावा यहां जापान और जर्मनी के फूलों का रंग भी देखने को मिलता है।
मुगल गार्डन को बेहद खूबसूरती के साथ तैयार किया गया है। मुगल गार्डन के भीतर 12 गार्डन हैं जो अपनी गुणवत्ता के लिए मशहूर हैं। इनमें मुख्य रूप से मुगल गार्डन रेक्टेंगिल, लॉन व सर्कुलर तीन हिस्सों में बंटा है।
इसके साथ रोज गार्डन, बायो डायवर्सिटी पार्क, म्यूजिकल फाउंटेन, हर्बल गार्डन, बटरफ्लाई, सनकीन गार्डन, कैक्टस गार्डन, न्यूट्रीशियन गार्डन तथा बायो फ्यूल पार्क स्थित है। गार्डन में कई शानदार फब्बारे भी हैं, जो यहां आने वाले लोगों का मन मोह लेते हैं। राष्ट्रपति भवन में म्यूजियम भी है, जहां कई ऐतिहासिक वस्तुओं को संरक्षित कर रखा गया है।