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अलवर नगर परिषद की बैठक में सत्ता पक्ष ने किया अपने ही सभापति का विरोध - Sabguru News
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अलवर नगर परिषद की बैठक में सत्ता पक्ष ने किया अपने ही सभापति का विरोध

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अलवर नगर परिषद की बैठक में सत्ता पक्ष ने किया अपने ही सभापति का विरोध

अलवर। राजस्थान में अलवर नगर परिषद की आज यहां हुई बैठक में सत्ता पक्ष के कांग्रेस के पार्षदों ने अपने ही सभापति का विरोध किया जिससे जमकर हंगामा हुआ। बैठक शुरु होते ही सत्ता पक्ष के पार्षदों ने ही अपने सभापति का खुलकर विरोध किया और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। इस हंगामेदार बैठक के बीच 102 करोड़ रुपए का बजट पास हुआ।

जहां सत्तापक्ष ही अपने पार्षद अपने सभापति पर हमलावर रहा। वहीं भारतीय जनता पार्टी के पार्षद शालीनता बनाए देखे गए। अतिक्रमण के मामले में जब सभापति द्वारा पार्षदों पर ही उंगली उठाई गई तो सदन में हंगामा हो गया और सदन द्वारा सभापति से माफी मांगने की मांग की गई, लेकिन सभापति ने किसी भी तरह की माफी मांगने से इन्कार करते हुए कहा कि कोई भी भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध कर दे तो वह सदन से इस्तीफा देने को तैयार हैं।

कांग्रेसी पार्षद विक्रम यादव ने काफी रोष व्यक्त करते हुए सभापति बीना गुप्ता पर मानहानि का दावा करने की बात कही। अलवर शहर में हो रहे अवैध निर्माण को लेकर सभापति ने जब पार्षदों का नाम लिया तो कांग्रेस के पार्षद विक्रम यादव बिफर गए। उन्होंने सभापति पर मानहानि का दावा करने की चेतावनी देते हुए कहा कि आयुक्त महोदय को लिखित में अवैध निर्माणों की सूचना दी गईं, लेकिन नगर परिषद आयुक्त ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी।

उन्होंने बताया कि स्वर्ग रोड पर एक नाले का पटाव टूटा हुआ है जिस पर सिर्फ 80 हजार रुपये खर्च होना है, लेकिन उस नाले के पटाव को अब तक नहीं पाटा गया है। फिर बजट में 102 करोड़ रुपए किस बात के खर्च किए जा रहे हैं जब जब नगर परिषद पार्षद के कहने पर 80 हजार रुपये का पटाव नहीं कर सकती।

कांग्रेस के ही पार्षद अजय मेठी ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सदन में जब यह बात कही कि सभापति के भ्रष्टाचार के सबूत पेन ड्राइव में है तो सदन में काफी हंगामा हुआ। सभापति ने भी कहा कि अभी पेनड्राइव चला कर दिखाओ सदन में सब देखना चाहते हैं। पार्षद अजय अमेठी ने कहा कि आप हमारी बदौलत इस सदन के सभापति हैं न कि हम आपके पीछे यहां पार्षद बने हैं। जिस तरह इस नगर परिषद की सभापति आप हो उसी तरह हमारे वार्ड के सभापति हैं। छोटी से छोटी समस्या के लिए नागरिक पार्षद के पास ही जाते हैं।

उन्होंने बताया कि नगर परिषद आयुक्त और सभापति को सभी पार्षदों ने काफी पत्र लिखे लेकिन इनके द्वारा अभी तक किसी भी पार्षद के पत्रों का जवाब नहीं दिया गया। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि आज तक मैंने किसी भी काम के लिए सभापति को फोन नहीं किया और सभापति यह कहती हैं कि पार्षदों के फोन आ जाते हैं और हमें हमारी टीम को वापस बुलाना पड़ता है।

महिला पार्षद देवेंद्र कौर ने बताया कि बजट को लेकर जिन बातों पर चर्चा होनी थी उन बातों पर कोई चर्चा नहीं की गई और बजट से पहले पार्षदों की सुनवाई होनी चाहिए यह गलत व्यवस्था है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक उन्होंने वार्ड में काम कराने के मामले में कोई भेदभाव नहीं किया। अगर वह प्रूफ करती हैं तो मैं सदन से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। उन्होंने बताया कि सभापति की भाषा बिल्कुल बकवास है और उनको सदन से माफी मांगनी चाहिए।

सदन में सबसे ज्यादा सफाई व्यवस्था और लाइट व्यवस्था को लेकर हंगामा हुआ। सफाई व्यवस्था को लेकर 600 कर्मचारियों का टेंडर बना दिया गया, लेकिन किस आधार पर यह टेंडर बनाया कितने कर्मचारियों की जरूरत है इस व्यवस्था को इस टेंडर में नहीं दर्शाया गया है। बजट में संशोधन किया जाना चाहिए।

भाजपा के पार्षद सतीश यादव ने कहा कि कोरोना के बाद पहली मीटिंग है हर आदमी हर नागरिक शहर में विकास चाहता है इसलिए शांतिपूर्ण चर्चा हुई और उन्होंने आरोप लगाया कि अलवर शहर में विकास कांग्रेस के कारण ही ठप हुआ पड़ा है आज सदन में यह बात साबित भी हो गई क्योंकि सभी कांग्रेसी पार्षदों ने अपने ही सभापति पर खुलेआम भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।