सोनीपत। हरियाणा में सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने मंगलवार को महत्वूपर्ण बैठक में फैसला लिया कि संयुक्त किसान मोर्चा की मंजूरी के बिना पंजाब में महापंचायतें नहीं होंगी, बल्कि युवा दिल्ली बॉर्डर पहुंच कर धरना में शामिल होंगे।
किसानों से आह्वान किया है कि वह पंजाब में तत्काल प्रभाव से महापंचायतें बंद कर दें। इनकी यहां पर फिलहाल कोई जरूरत नहीं है। किसान नेताओं ने कहा कि युवा संगठन और जो भी किसान महापंचायत या गांव-गांव पंचायत कर रहे हैं, वह पक्के मोर्चों को मजबूती दें और दिल्ली बार्डर पर धरना स्थल पर पहुंचे।
इसके साथ ही किसान जत्थेबंदियों ने सभी किसान परिवारों का फिर से आह्वान किया है कि जिनके परिजन लापता हैं या फिर जेल में बंद हैं, उनकी सूचना तत्काल जत्थेबंदियों को दी जाए, ताकि इनके मुकद्दमें लड़ने के लिए वकीलों से बातचीत करके आगे पैरवी शुरू हो सके। इस बैठक में आंदोलन की आगामी रणनीति के अलावा 18 को होने वाले रेल रोकों अभियान पर भी चर्चा हुई।
किसान नेता बूटा सिंह, राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला, बलदेव सिंह निहालगढ व भोग सिंह मानसा आदि ने कहा कि मौजूदा समय में जरूरत इस बात की है कि यह आंदोलन लंबा चलेगा और सरकार की नीयत साफ नहीं है।
इसलिए आंदोलन को मौसम के अनुसार जो तैयारियां करनी है, उन पर फोकस किया जाए। उन्होंने युवाओं तथा संगठनों का आहवान किया कि वह टिकरी, सिंघु बार्डर या गाजीपुर पर पहुंच कर आंदोलन को मजबूत करें।