सबगुरु न्यूज-सिरोही। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी कुर्सी बचाने के उपक्रम में व्यस्त हैं और उनके द्वारा नियुक्त अधिकारी लोगों की परेशानी बढ़ाने में। राज्य में ऐसे कई मामले प्रतिदिन सामने आते रहते हैं।
सिरोही विधायक संयम लोढ़ा द्वारा निजी चिकित्सालय में हड्डियों के टूटने के उपचार में खर्च होने वाले जनता के हजारों रुपये बचाने के लिए किए गए प्रयास को भी अधिकारी अंजाम तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। विधायक ने सीआर्म मशीन खरीदने के लिए जो संस्तुति की थी, उसके लिए जयपुर स्थित आरएमएससीएल अब तक खरीद नहीं की है।
-विधायक मद से की थी सी-आर्म मशीन की संस्तुति
करीब डेढ़ साल भर पहले सिरोही जिला चिकित्सालय में निरीक्षण के दौरान एक मामला सामने आया था। विधायक के निरीक्षण के दौरान यहां एक मरीज ऐसा भी भर्ती मिला था जो भर्ती तो जिला चिकित्सालय में हुए था, लेकिन उसका ऑपरेशन निजी चिकित्सालय में किया गया।
ऑपरेशन के बाद पोस्ट ऑपरेटिव केयर के लिए जिला चिकित्सालय में ही एडमिट रखा गया। निरीक्षण के दौरान विधायक के सामने यह तथ्य आया कि जिला चिकित्सालय के चिकित्सालय ऑर्थोपेडिक के केस को भर्ती तो यहां करते हैं, लेकिन उनका ऑपरेशन शहर के निजी चिकित्सालय में करते हैं।
निजी चिकित्सालय इन ऑपरेशंस के तीस से पचास हजार रुपये तक वसूल करते हैं। चिकित्सक को बुलवाकर पूरी जानकारी ली तो यह बात सामने आई कि हड्डियों की टूट फूट के ऑपरेशन के लिए सीआर्म मशीन की जरूरत रहती है। वह सिरोही जिला चिकित्सालय में नहीं है। विधायक के संज्ञान में यह बात आने पर उन्होंने इसके लिए विधायक मद से तुरंत राशि जारी करने की संस्तुति कर दी।
-जयपुर में ही अटका है प्रोक्योरमेंट
विधायक मद से की गई संस्तुतियां जिला परिषद में जाती हैं। वहां पर एमपी-एमएलए लेड के कामों के लिए अलग सेक्शन बना हुआ है। वहां से संस्तुतियों की वैधानिकता को देखते हुए अनुमति जारी की जाती है। जिला परिषद ने इस मशीन के लिए राशि पीएमओ के अकाउंट में स्थानांतरित भी कर दी है।
इस मशीन को चिकित्सा विभाग को खरीदना था। लेकिन, राजस्थान सरकार के नियमों के अनुसार सरकारी चिकित्सालयों द्वारा किसी उपकरण की खरीद से पहले इसके लिए चिकित्सा मंत्रालय के अधीन आने वाले जयपुर में स्थित राजस्थान मेडीकल सर्विस कार्पोरेशन लिमिटेड (आरएमएससीएल) से एनओसी ली जानी होती है या वही इसकी खरीद करता है।
इस सी आर्म मशीन को खरीदने के लिए जिला चिकित्सालय के पीएमओ कार्यालय उन्हें लिख दिया था। लेकिन, न तो इसके लिए अपने स्तर पर खरीदने के लिए आरएमएससीएल ने एनओसी जारी की न ही खुदने इसे खरीदा है। जिला परिषद स्तर पर भी इन्हें पत्र लिखा गया। आरएमएससीएल स्तर पर जनहित के इस मामले में उदासीनता बरकरार है।
-क्या है सीआर्म मशीन?
सी-आर्म मशीन के नाम से ही साफ है कि इसमें अंगेजी के सी शेप की आर्म होती है। मूलरूप से यह ऑपरेशन के दौरान रीयल टाइम एक्स-रे को दिखाती है। इसकी आर्म ऑपरेशन टेबल पर लेटे मरीज के उपर और टेबल के नीचे चली जाती है। इन दोनों आर्म से शरीर के प्रभावी हिस्से की लाइव तस्वीर इसके साथ जुड़ी स्क्रीन पर आ जाती है।
इस स्क्रीन पर देखकर डॉक्टर टूटी हुई हड्डियों को जोड देते हैं जिससे हड्डियों के गलत जुडऩे की आशंका नहीं रहती। सीआर्म मशीन के अभाव में टूटी हड्डियों को जोडऩे के लिए ओपन सर्जरी की जाती है। इसमें मरीज को दोहरे घाव से गुजरना पड़ता है, जिससे उसकी रिकवरी में भी समय लगता है।
सीआर्म मशीन से प्रभावित हिस्से के उपर की चमड़ी को छोटे चीरा लगाकर ही रीयल टाइम एक्सरे देखकर हड्डियों को जोड़ा जा सकता है। सिरोही जिला चिकित्सालय में सी आर्म मशीन नहीं होने से यहां हड्डियों के फ्रेक्चर के मरीजों को हजारों रुपये खर्च करके निजी चिकित्सालयों में उपचार करवाने को मजबूर होना पड़ता है।
-इनका कहना है…
सिरोही विधायक की संस्तुति के अनुसार हमने इसकी राशि पीएमओ के अकाउंट में स्थानांतरित भी कर दी है। प्रोक्योरमेंट रूल के अनुसार इसकी खरीद आरएमएससीएल को करनी थी। वहां इसे लेकर नेगोसिएशन वगैरह चल रहा है। जिला कलक्टर और स्वयं विधायक इसे निरंतर फॉलो कर रहे हैं। हमारे स्तर पर तो अब मशीन आने पर उसकी यूसी बनाने का काम ही है।
भागीरथ बिश्नोई
सीईओ, जिला परिषद, सिरोही।