पप्पू – केवल दो तरह के आदमी औरत को नहीं समझ पाते।
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गप्पू – कौन-कौन?
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पप्पू – कुंवारे और विवाहित…!
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गप्पू – और जो समझ जाते हैं वो?
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पप्पू – वो तो फिर साधु-संत बनकर आश्रम पकड़ लेते हैं कोई…!!!
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पप्पू ने एक कवि से पूछा- परिवर्तन की परिभाषा क्या है?
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तो…
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कवि ने उत्तर दिया – जो कभी लिपट जाया करती थी बादलों के गरजने पर,
वो आज बादलों से भी ज्यादा गरजती है!
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संता – शादी के कार्ड में वर-वधु के नाम के आगे लिखे
चि. और सौ. का क्या मतलब होता है…?
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बंता – पता नहीं, तू ही बता दे।
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संता – इसका मतलब होता है कि शादी के बाद
जब पत्नी उसे ‘सौ’ सुनाएगी, तब पति ‘चि’ भी नहीं करेगा…!!!
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पप्पू – यार, लोग कहते हैं कि ठोकरें इंसान को चलना सिखाती हैं…
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गप्पू – हां, सही बात है।
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पप्पू – पर मेरे तो पैर के अंगूठे का नाखून ही टूट गया ना…!!!
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लाजो ने अचानक मोनू को जोर से लात मारी…!
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मोनू बेचारा तिलमिला उठा…
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मोनू – मारा क्यों…?
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लाजो – जी मच्छर था…
मेरे जीते जी कोई और आपका खून चूसे,
ये मुझसे बिलकुल बर्दाश्त नहीं होगा…!!!
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पिंटू – दादी नींद नहीं आ रही है, टीवी देख लूं…?
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दादी – मुझसे बातें कर ले…
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पिंटू – दादी क्या हम हमेशा छह लोग ही रहेंगे, आप, मम्मी, पापा, दीदी, मैं और मेरी बिल्ली?
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दादी – नहीं बेटा, आपके लिए कल डॉगी भी आ रहा है, तो सात हो जाएंगे।
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पिंटू – पर, दादी डॉगी तो बिल्ली को खा जाएगा, तो फिर छह हो जाएंगे।
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दादी – नहीं बेटा, आपकी शादी हो जाएगी तो फिर सात हो जाएंगे।
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पिंटू – फिर बहन चली जाएगी शादी करके तो फिर छह हो जाएंगे।
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दादी – फिर आपका बेटा हो जाएगा तो फिर सात हो जाएंगे…।
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पिंटू – तब तक आप मर जाओगी… वापस छह हो जाएंगे।
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दादी (गुस्से में) – तू जा… टीवी ही देख ले!!!
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पोता – दादी आपने कौन-कौन सा देश घूम लिया है…?
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दादी – अपना पूरा हिंदुस्तान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान…
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पोता – अब कौन सा घूमोगी…?
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तभी पीछे से छोटे वाले पोते की आवाज आई….
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कब्रिस्तान…
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फिर दादी ने पोते को जी-भर के कूटा…!!!
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