जयपुर। सिन्धु नदी के उद्धगम स्थल पर दर्शन व स्नान से जीवन में पीढियों का धर्मलाभ मिलता है देश दुनिया को अपनी संस्कृति से जोडने का पवित्र कार्य सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा है और यह अवसर पर सिन्धु दर्शन तीर्थ यात्रा, लेह लद्धाख को 25 साल पूरे होने पर रजत जयंती 2021 में प्रथम सिन्धु महाकुम्भ का आयोजन लेह लद्धाख में किया जा रहा है। यह बात भारतीय सिन्धु सभा राजस्थान की जयपुर में आयोजित कार्यकर्ता बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरलीधर माखीजा ने कही।
इस वर्ष तीर्थयात्रा का आनलाइन पंजीयन चल रहा है जिसमें देश विदेश से तीर्थयात्री पंजीयन करा रहे हैं। तीर्थयात्रा के लिए प्रदेश के सभी जिलों में बैठकें आयोजित कर पंजीयन करवाया जा रहा है। यात्रा में संत महात्मा, विभिन्न मत पंथों के प्रमुखों को भी निमंत्रित कर जोडा जा रहा है।
सभा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने कहा कि यात्रा के प्रारम्भ 1997 से ही भारतीय सिन्धु सभा देशभर में कार्यकर्ताओं के सहयोग से चलाई जा रही है और जो निरंतर प्रेरणा का केन्द्र बनी है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रचार कर तीर्थयात्रा की चर्चा कार्यकर्ताओं के साथ हो रही है।
प्रदेश प्रभारी महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने बताया कि सिंधु महाकुंभ का आयोजन 19 जून से 27 जून तक दो ग्रुपों में किया जाएगा। यात्रा सडक मार्ग जम्मू से लेह व चंडीगढ तक व दूसरा मार्ग चंडीगढ से लेह जम्मू तक रहेगा और हवाई मार्ग में दिल्ली से लेह रहेगा। महाकुंभ में 21 जून निर्जला एकादशी व 24 जून ज्येष्ठ पूर्णिमा को शाही स्नान का आयोजन किया गया है।
यात्रा कमेटी सदस्य दीपेश सामनाणी ने बताया कि तीर्थयात्रा में जुडाव के लिए राज्यभर में संभाग स्तर पर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है जो यात्रा के प्रथम चरण में जम्मू से सडक मार्ग की यात्रा में सम्मिलित होंगे।