नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों के खिलाफ राज्य विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित करने को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई शुक्रवार को टाल दी और याचिकाकर्ता को इस बारे में और अधिक शोध करने की सलाह दी।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि वह इस मामले में ज्यादा रिसर्च करे। न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा कि आप व्यापक स्टडी करें। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने चार हफ्ते के लिए सुनवाई टाल दी।
याचिका में कहा गया है कि क्या राज्य विधानसभा प्रस्ताव पारित करके सातवीं अनुसूची के तहत केंद्र की तरफ से बनाए गए कानूनों की आलोचना कर सकती है। क्या संवैधानिक दायरे में ऐसा हो सकता है? दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ राज्यों की विधानसभाओं ने प्रस्ताव पारित किए थे।