अजमेर। अजमेर डेयरी के नवीन प्लांट में गुरुवार को सम्भागीय आयुक्त डॉ. वीना प्रधान द्वारा आइसक्रीम उत्पादन का औपचारिक शुभारम्भ किया गया।
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौघरी ने बताया कि डेयरी के नवीन प्लांट में कई प्रकार के दुग्ध उत्पादों का उत्पादन किया जा रहा है। इस श्रृंखला में आइसक्रीम उत्पादन का शुभारम्भ सम्भागीय आयुक्त डॉ. वीणा प्रधान द्वारा किया गया।
इस स्वचालित तथा पर्यावरण हितैषी प्लांट से वनीला आइसक्रीम का उत्पादन आरम्भ हुआ। शीघ्र ही अन्य फ्लेवर्ड मिल्क जैसे दुग्ध उत्पादों तथा कप एवं कोन पेकिंग में आईसक्रिम का उत्पादन किया जाएगा। आईसक्रिम का विपणन शनिवार से आरम्भ किया जाएगा। आइसक्रिम का विक्रय सरस बूथों के साथ-साथ ई-रिक्शा के माध्यम से भी करवाया जाएगा।
ई-रिक्शा चालक सरस डेयरी को मांग भेजकर दुग्ध उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं। उनको बेचकर अगले दिन पुनः नए उत्पाद ले सकेंगे। इससे ई-रिक्शा चालकों को आर्थिक सम्बलन प्राप्त होगा। साथ ही पशुपालकों को भी सहारा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि अजमेर डेयरी के इस प्लांट में घी के विभिन्न प्रकार पैक प्रारम्भ किए जा रहे है। इसके अन्तर्गत 100 ग्राम टेबल बटर, 500 ग्राम टेबल बटर, वाईट बटर 15 किलो पैक में, 1 किलो मोनो कार्टन, 5 किलो टिन पैक आदि सुचारू रूप से चल रहे हैं।
जामन उत्पाद के अन्तर्गत छाछ, मसाला छाछ, लस्सी, दही, श्रीखण्ड एवं पनीर आदि गत दो माह से युद्ध स्तर पर बनाये जा रहे है। बाजार में भी अन्य डेयरियों के उत्पादों की तुलना में सरस उत्पादों की भारी मांग चल रही है।
इसके अतिरिक्त सरस दुध के डबल टोन्ड, टोन्ड, स्टेण्डर्ड, गोल्ड, चाय साथी आदि ब्राण्ड को उतरी भारत में सबसे श्रेष्ठ गुणवता का दूध माना गया है। इसी कारण से बिहार मिल्क फैडरेशन, पंतजली (हरिद्धार) गणेश डेयरी (मुम्बई) गोपाल डेयरी (हरियाणा-यूपी) के अतिरिक्त अन्य डीएमएस लगभग 1 लाख से 2 लाख की मात्रा में वाईट बटर प्रतिदिन अजमेर डेयरी से खरीद कर ले जा रही है।
उन्होंने बताया कि अजमेर डेयरी ने गणेश चतुर्थी के दिन पाउडर प्लांट चालू किया। इस प्लांट के द्वारा अजमेर डेयरी के स्वयं के दूध के अलावा अन्य डेयरियों जैसे टोंक, जयपुर, कोटा, नागौर, जोधपुर, बाडमेर आदि से 6 लाख लीटर लगभग के दूध का पाउडर एसएमपी कन्वर्जन कर वापस दे रही है। गत महीने में इस कन्वर्जन चार्ज के विभिन्न डेयरियों से लगभग 6 करोड़ की राजस्व आय हुई है।
उन्होंने बताया कि इन सयंत्र द्वारा किए गए कार्य से संघ को लगभग 50 से 60 करोड का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसी की बदौलत एनसीडीसी के कर्जे में से 25 करोड़ रूपए का भुगतान एसीडीसी को किया गया।
संघ द्वारा 3 मार्च को दुग्ध उत्पादकों का 11 से 20 फरवरी 2021 तक का दुग्ध भुगतान 16 करोड़ भी जारी कर दिया। इसी सप्ताह के अन्त में 10 मार्च तक 21 से 28 फरवरी 2021 तक का भी भुगतान कर दिया जाएगा। इस अवसर पर अजमेर डेयरी के प्रबन्ध निदेशक उमेश चन्द्र व्यास सहित अधिकारी उपस्थित रहे।