सबगुरु न्यूज-सिरोही। कोरोना काल में घटते राजस्व के कारण सरकार खर्च चलाने के लिए कर्जा ले रही है। सरकारी एजेंसियां जो हैं वो जनता का धन बर्बाद करने का कम्पीटिशन की हुई हैं। ऐसा मामला सिरोही जिला मुख्यालय पर देखने को मिला। करीब तीन महीने पहले सिरोही शहर में बिछाई गई पानी की पाइपलाइनों को रुडीप ने बर्बाद करके बाहर फेंक दिया है।
इस बर्बादी को देखने के बाद यही सवाल उठता है कि यदि रुडीप को ये सब बर्बाद ही करना था तो उन्होंने पीएचईडी को पाइपलाइनें बिछाने से रोका क्यों नहीं? और यदि रुडिप ने पीएचईडी को उनके सीवेज प्रोजेक्ट में पानी की पाइपलाइनें डालने का प्रोजेक्ट भी शामिल होने की जानकारी दे दी थी तो फिर पीएचईडी को शहर में पाइपलाइन बिछवाने की जरुरत क्या थी? यही नहीं जनता के कर की लाखों रुपये की राशि के नुकसान की भरपाई अब दोनों विभागों में से किस विभाग के अधिकारियों से होगी।
-रुडीप ने खोद फेंकी नई पाइपलाइनें
शहर में सीवेज लाइन बिछ रही हैं। ये करीब साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है। इसमें सीवेज लाइन के साथ पेयजल की पाइपलाइन भी बिछाई जाएगी। ये सीवेज लाइन शहर की सड़कों के बीचोंबीच बिछाई जा रही है। करीब तीन महीने पहले पीएचईडी ने भी शहर के अधिकांश इलाकों में सड़कों के बीचोंबीच नई पाइपलाइनें बिछाई थी। बैधनाथ कॉलोनी में सीवेज लाइन बिछाने के लिए इन नई पाइपलाइनों को उखाड़कर फेंक दिया गया है। कुछ पाइप इतनी बेदर्दी से खोदे गए हैं कि इनको फिर से इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकता है।
-करीब 41 लाख रुपये का था टेंडर
पीएचईडी ने जून के महीने में शहर में पानी की पाइपलाइनें बिछाने के लिए करीब 41 लाख रुपये का टेंडर जारी किया था। करीब 15 प्रतिशत बिलो टेंडर हुआ। इसके बाद शहर में आननफानन में दिन रात काम करके ये उसी रेखा पर पाइपलाइन बिछाई गई जहां से पहले से सीवेज लाइन बिछाने का डिजायन तैयार हो चुका था। सबसे ताज्जुब की बात ये है कि कोरोना काल में टेंडर निकालकर जो पाइपलाइनें डाली गई वो प्रोजेक्ट 2018 का था।
तब इसका टेंडर भी हो चुका था और वर्क ऑर्डर भी जारी हो गया था। पीएचईडी ने ये जानते हुए कि सीवेज लाइन बिछनी है बजट को कंज्यूम करने की नीयत से आनन फानन में इस 41 लाख रुपये की राशि को उपयोग करने के लिए टेंडर निकलवाया और पाइपलाइन बिछवा दी। जिनको इसी तरह से निकालकर बाहर फेंका जाना है।