अजमेर। भारत की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की 124वीं पुण्य तिथि के मौके पर सावित्री बाई फुले राष्ट्रीय जाग्रृति मंच की अजमेर ईकाई की ओर से बुधवार को अजमेर क्लब चौराहे पर स्थित ज्योतिबा फुले स्मारक पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
सुबह करीब 11 बजे मंच की महिला सदस्यों ने सावित्री बाई फुले के चित्र पर पुष्प व मालाएं चढाईं। इस मौके मंच अध्यक्षा सुनीता चौहान ने कहा कि सावित्री बाई फुले ने दलित स्त्रियों के अधिकारों, अशिक्षा, छुआछूत, सतीप्रथा, बाल या विधवा-विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। खुद शिक्षा ग्रहण करने के बाद समस्त नारी वर्ग के लिए शिक्षा जो अलख जगाई उसी का परिणाम है कि आजादी के बाद आधी आबादी में ना केवल निरक्षरता मिटी बल्कि महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं। देश की प्रगति में महिला वर्ग का बराबरी का योगदान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि मंच की मांग है कि ज्योतिबा फुले सर्किल पर उनके साथ ही सावित्री बाई फुले की प्रतिमा भी स्थापित की जाए ताकि आमजन और नई पीढी को फुले दंपती के देश व दलितोत्थान के लिए किए गए कार्यों से प्रेरणा मिलती रहे। मंच फुले दंपती को भारत रत्न सम्मान से नवाजे जाने की मांग को लेकर अप्रेल माह में वृहद स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाएगा।
इस अवसर पर महात्मा ज्योतिबा फुले जागृति मंच के अध्यक्ष पूनमचंद मारोठिया, समाजसेवी त्रिलोकचंद इंदौरा, राम कन्या गहलोत, सुमन भाटी, इंदु अजमेरा, आशा सांखला, भावना चौहान, विजय लक्ष्मी सिसोदिया, रेणु चौहान, पार्षद प्रियंका सांखला, पूर्व पार्षद बीना टांक, रेखा चौहान, सुनीता योगेश, बबीता टांक, श्यामा चौहान, सावित्री टांक, माया चौहान, राजकुमारी टांक, खुश्बू सांखला, गायत्री टांक, मधु चौहान, कृष्णा, नीतू गहलोत, रेखा गहलोत, मंजु अजमेरा, किरण गढवाल, सीमा तंवर,ललिता टांक, आकांक्षा जादम, पार्षद बीना टांक, रंजीता कछावा, सरिता चौहान, बबीता चौहान, माली सैनी समेत विभिन्न उपस्थित रहे।
स्कूल तथा कालेजों में स्थापित हो सावित्री बाई फुले की प्रतिमा
सावित्री बाई फुले राष्ट्रीय जागृति मंच अजमेर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम बुधवार को कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित को अलग अलग ज्ञापन सौंपकर लड़कियों और समाज के बहिष्कृत हिस्सों के लोगों को शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाने वाली भारत की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा हर गर्ल्स स्कूल व कॉलेज में स्थापित किए तथा ज्योतिबा फुले व सावित्री बाई फुले को भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग की है।
ज्ञापन में बताया गया है कि फुले दंपती ने बेसहारा स्त्रियों के लिए एक आश्रय स्थल की स्थापना (1864) की और सभी वर्गों की समानता के लिए संघर्ष करने वाले ज्योतिराव फुले के धर्मसुधारक संस्थान सत्यशोधक समाज (1873) का विकास करने में अहम भूमिका निभाई।
उनके जीवन को भारत में स्त्रियों के अधिकारों का प्रकाश स्तंभ माना जाता है। उन्हें अक्सर भारतीय नारी आंदोलन की जननी के रूप में जाना जाता है। सावित्री बाई फुले ने अपना संपूर्ण जीवन दलितोंत्थान को समर्पित कर दिया। उनके अनुकणीय योगदान को कभी बिसराया नहीं जा सकता।
फुले दंपती की ओर से समाज सुधार के लिए किए गए कार्यों तथा देश के प्रति योगदान को सदैव स्मरण रखने की जरूरत है। आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि सावित्री बाई फुले की प्रतिमा हर गर्ल्स स्कूल व कॉलेज में स्थापित की जाए साथ ही फुले दंपती को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न प्रदान किया जाए, इससे नई पीढी में भी उनके प्रति सम्मान की भावना को बल मिलेगा।
ज्ञापन देने वालों में मंच अध्यक्षा सुनीता चौहान, शबा खान, द्रोपदी देवी, भावना चौहान, आशा सांखला, मंजू बलाई, महेश चौहान, रेखा पिंगोलिया समेत बडी संख्या में गणमान्यजन शामिल रहे।