सोनीपत। तीन कृषि सुधार कानूनों को लेकर आंदोलनरत किसानों ने 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया है। इस दिन रेल व सड़क दोनों मार्ग जाम किए जाएंगेे।
कुंडली बार्डर पर बुधवार को आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में यह फैसला लिया गया है। बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य बूटा सिंह बुर्जगिल ने बताया कि पहले से ही मोर्चा ने 15 मार्च को ट्रेड यूनियन के साथ एंटी कार्पोरेट्स और निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन और धरने का कार्यक्रम दे रखा है। इसमें डीजल और पेट्रोल व रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को भी जोड़ा गया है।
यह आंदोलन हर जिले में रेलवे स्टेशन के बाहर होगा और इसके बाद संगठन ज्ञापन देंगे। किसान नेताओं ने कहा कि इस बार मोर्चा की बैठक में सबसे अहम निर्णय 26 मार्च को भारत बंद करने का लिया गया है। इस दिन चार महीने किसान आंदोलन को पूरे हो रहे हैं।
किसानों ने तय किया है कि यह बंद सुबह से शाम तक किया जाएगा। इसमें सड़क व रेल मार्ग बंद करेंगे और परिवहन सेवा तथा बाजार बंद करने के लिए दूसरे संगठनों से सहयोग मांगा जाएगा। चूंकि यह आंदोलन केवल किसान का नहीं है, बल्कि इसमें हर वर्ग की परेशानी शामिल है।
इसी क्रम में 19 मार्च को मंडी बचाओ-खेती बचाओ आंदोलन किया जाएगा। इसमें मंडी में किसान धरना देंगे और प्रदर्शन करेंगे। 23 मार्च को शहीदी दिवस मनाया जाएगा और आंदोलन स्थलों पर युवाओं का आह्वान किया गया है। वह इस आंदोलन की बागडौर संभालेंगे। इसी क्रम में 28 मार्च को होली के दिन तीनों कानूनों को किसान धरनास्थल पर होली जलाई जाएगी।
किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन कमजोर नहीं है और पहले की तरह जारी रहेगा। किसान फसल की कटाई करेगा, तो धरनास्थल की जिम्मेदारी के लिए दूसरे किसानों की व्यवस्था हो गई है। सरकार इस मुगालते में न रहे कि यह आंदोलन कमजोर है और खत्म हो जाएगा।