अजमेर। महावीर जयंती के दिन 25 अप्रेल को शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) की तारीख तय किए जाने से समस्त जैन समाज के अभ्यर्थियों के लिए मुश्किल खडी हो गई है। परीक्षा स्थगित करने तथा अन्य कोई तिथि तय करने की मांग को लेकर जैन संगठनों ने मुख्यमंत्री के नाम अजमेर जिला कलेक्टर के जरिए ज्ञापन भेजा है।
शुक्रवार को जैन मिलन संस्था के पदाधिकारियों तथा अभ्यर्थियों के एक शिष्टमंडल ने कलेक्टर प्रकाश राजपरोहित को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि रीट की परीक्षा महावीर जयंती की बजाय किसी और दिन करवा कर जैन समाज के अभ्यर्थियों को राहत प्रदान करें।
रीट परीक्षा पूर्व में 2 सितम्बर 2020 को घोषित की गई थी, लेकिन कोरोना प्रकोप के चलते जनवरी 2021 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ने आवेदन प्रक्रिया आरम्भ करने के साथ ही महावीर जयन्ती के दिन 25 अप्रेल 2021 परीक्षा तिथि घोषित कर जैन समाज के लिए धर्म संकट खडा कर दिया।
नगर निगम अजमेर के उपमहापौर नीरज जैन ने अभ्यर्थियों की मांग वाजिब बताते हुए कहा कि राज्य सरकार जब भी कोई परीक्षा तिथि निर्धारित करती हैं तो यह भी देखती हैं कि सभी पात्र अभ्यर्थी बिना किसी रूकावट या परेशानी के एकाग्रचित होकर पूर्ण तैयारी के साथ परीक्षा में भाग ले सकें।
किन्तु माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने रीट परीक्षा की तिथि महावीर जयन्ती के दिन घोषित कर जैन समाज के बेरोजगार युवा अभ्यर्थियों के साथ खिलवाड किया है। इससे पहले जैन समाज के सबसे बडे धार्मिक पर्व पर आज तक कभी कोई परीक्षा की तिथि नहीं रखी गई। प्रदेश के इतिहास में यह पहली और एकमात्र घटना हैं, जब किसी समाज को जान बूझकर अवसरों से वंचित रखा जा रहा है।
उल्लेखनीय हैं कि किसी भी धर्म के मुख्य पर्व यथा दीपावली-होली, ईद-मौहरम, क्रिसमस, गुरू पर्व, चेटीचण्ड आदि के दिन कभी भी कोई महत्वपूर्ण परीक्षा की तिथि नहीं रखी जाती। ऐसे में महावीर जयन्ती के दिन रीट परीक्षा आयोजित किए जाने से जैन समाज भारी आहत है।
ज्ञापन में मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि जैन समाज की भावनाओं को देखते हुए रीट परीक्षा को 25 अप्रेल के स्थान पर अन्य किसी दिवस को आयोजित करने के संबंधित महकमे को निर्देशित करने का श्रम करें।
ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री के अतिरिक्त नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, स्वायत्त शासन एवं विधि मंत्री शांति धारीवाल,शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोडासरा तथा मुख्य सचिव व शिक्षा सचिव को भी प्रेषित की गई है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष को अलग से पत्र लिख कर मांग की है कि वे जैन समाज के अभ्यर्थियों को राहत प्रदान करने के लिए तिथि में परिवर्तन करने पर गंभीरता से विचार करें।