– नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस इंडिया की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक
दौसा। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस, इंडिया (एन यूजेआई) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक शनिवार को राजस्थान के दौसा में शुरू हुई। एनयूजेआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी की अध्यक्षता में शुरू बैठक में दौसा की सांसद जसकोर मीना, राजस्थान मानवाधिकार आयोग के सदस्य महेश चंद्र शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव प्रसन्ना मोहंती, राष्ट्रीय संगठन सचिव एवं प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य आनंद राणा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप तिवारी, जार राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शर्मा, महासचिव संजय सैनी, प्रदेश सचिव महेश बालाहेड़ी मौजूद थे।
एनयूजेआई की राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में दौसा की सांसद श्रीमती जसकोर मीणा ने कहा कि कोरोना काल में मीडिया ने बेहतरीन काम किया है। मीडियाकर्मियों ने कोरोना योद्धाओं की भूमिका निभाई है। इस सम्मेलन के जरिए वे पत्रकारों की समस्याओं से वाकिफ हुई है। पत्रकारों की कठिनाईयों को जानती है। उसे दूर करने में उनसे जो भी सहयोग होगा वे करेंगी। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। ये अपने काम से लोकतंत्र को मजबूत करने का काम करता है। आज के युग में पत्रकारों को गणेश विधार्थी की तरह पत्रकारिता करने की जरूरत है। पत्रकारों की समस्यों व मुद्दों के लिए वह हमेशा तैयार रहती है।
राज्य मानवाधिकार आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस महेशचंद्र शर्मा ने कहा कि उनके सामने कई बार पत्रकरों की खबरों पर समस्याओं पर उन्होंने कई बार प्रसंज्ञान लिया है। प्रशासन से भी जवाब तलब किया है। उनके करियर की शुरुआत पत्रकार के रूप में हुई थी। वह पत्रकारों की समस्याओं और परेशानी को समझते है। ऐसे में प्रेस कौंसिल को भी स्वत प्रसंज्ञान लेना चाहिए और पत्रकारों के वेतन भत्ते, वेजबोर्ड की समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान देना चाहिए।
मानवाधिकार आयोग के पास पत्रकारो से जुड़ी जो भी समस्या आएगी उसका समाधान किया जायेगा। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के संयुक्त सचिव अरुण जोशी ने बताया कि सरकार पत्रकारों की समस्याओं को जानती है। इसे देखते हुए सरकार ने कोरोना काल में जरूरतमंद पत्रकारों की सहायता की है और अब तक कर रही है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में पत्रकारों की पेंशन राशि को बढ़ा कर 15 हजार कर दी है और मेडिकल सुविधा भी बढ़ा कर 5 लाख कर दी है। पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने के लिये सरकार संवेदनशील है और इसके लिये महाराष्ट्र से पत्रकार सुरक्षा कानून का अध्ययन किया जा रहा है। जल्द ही सरकार इसे मूर्त रूप देगी।
एनयूजेआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि आज पत्रकारों के सामने अपने वजूद को बचाये रखने की चुनोती है। पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया आयोग, मीडिया काउंसिल के गठन के लिए हम पिछले कई सालों से संघर्ष कर रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान अखबारों से हजारों पत्रकारों व डेस्क कर्मचारियों की छंटनी के विरोध में एनयूजेआई ने दिल्ली में तीन विरोध प्रदर्शन हुए।
वेतन कटौती, छंटनी, पत्रकारों पर हमले, कोरोनकाल में फर्जी मुकदमे दर्ज करने के खिलाफ संगठन ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विरोध किया। पत्रकारों को अपने हक के लिए सड़क पर लड़ाई करनी होगी। अगर हम चुप बैठे रहे तो पत्रकारों व पत्रकारिता को बंधक बनाने का षड्यंत्र कामयाब हो जाएगा।
एनयूजेआई के राष्ट्रीय महासचिव प्रसन्ना मोहंती ने कहा कि एनयूजेआई अगले वर्ष अपनी स्वर्ण जयंती मनाने जा रही है। 50 सालों में हमारे संगठन ने पत्रकारों की समस्याओं के हल के लिये सतत संघर्ष किया है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य आनंद राणा ने कहा कि काउंसिल ने पत्रकारों के स्वास्थ्य बीमा एवं डॉक्टरों की तर्ज पर कोरोना योद्धा के तहत आर्थिक मदद एवं सुविधाएं मुहैया करवाने की सिफारिश भारत सरकार और राज्य सरकारों से की है। पत्रकारों पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं। पुलिस फर्जी मुकदमे दर्ज करके पत्रकारों को भयभीत कर रही है।
ईमानदार व निष्पक्ष पत्रकारों को डराने की कोई भी कोशिश सहन नहीं कि जाएगी। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि आरपीएससी के पूर्व सदस्य विनोद बिहारी शर्मा, पूर्व विधायक जगदीश मीना, सहायक निदेशक सूचना जनसंपर्क विभाग रामजीलाल मीणा ने अपने विचार रखे। रविवार को कार्यक्रम स्थल पर खुला सत्र होगा, जिसमें पत्रकार अपने विचार रखेंगे। दोपहर बाद पत्रकार मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दर्शन करेंगे और आभानेरी में बावड़ी का भृमण करेंगे।
वरिष्ठ पत्रकारों का हुआ सम्मान
उद्घाटन सत्र में कलम व लेखनी के धनी राज्य के वरिष्ठ पत्रकारों का सम्मान किया गया। वरिष्ठ पत्रकार ओम चतुर्वेदी, वीरेन्द्र सिंह राठौड़ बिल्लू बना, विमलेश शर्मा, डॉ.मिथिलेश शर्मा, मनीष गोधा, नीरज मेहरा, रोशन लाल शर्मा, उपेन्द्र शर्मा, जितेन्द्र प्रधान, ऐश्वर्य प्रधान, भंवर सिंह कुशवाह, बाबूलाल भारती, दीपशिखा शर्मा, सुधीर शर्मा, कपिल गुप्ता, कमलेश बैनाड़ा, सतीश शर्मा, राजेन्द्र जैमन, सन्तोष तिवाड़ी, लक्ष्मीकान्त शर्मा, लक्ष्मी अवतार पटेल, गजेन्द्र राठौड़, कमलेश आसीका, कमलेश त्रिवेदी, कमलेश बैनाड़ा, महेश बिहारी, अतुल शर्मा, देवेन्द्र सैहना, अनिल शर्मा, विनोद जैमन, रोशन जोशी, गौरव खंडेलवाल, भास्कर जैमन को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।