जयपुर। राजस्थान विधानसभा में आज विधायकों ने किसानों के हित के कई मुद्दे उठाये। अनुदान मांग कृषि तथा पशुपालन एवं चिकित्सा पर चर्चा के दौरान विपक्ष के विधायकों ने सरकार ने बजट में किसान के लिए कृषि क्षेत्र में बजट का कम प्रावधान करने जबकि सत्ता पक्ष के विधायकों ने सरकार द्वारा किसानों के लिए उठाये गये कदमों के कारण आज प्रदेश कृषि क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने चर्चा की शुरुआत करते हुए केन्द्र सरकार की किसानों के हित में उठाये कदमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया तथा किसानों के लिए सम्मान निधि योजना शुरु कर किसानों के खातों में हर वर्ष छह हजार रुपए डालने शुरु किये। उन्होंने केन्द्र की पूर्व सरकार से तुलना करते हुए कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में ज्यादा बजट दिया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के फायदे के लिए नये कृषि कानून लाई और इससे किसानों का कोई अहित नहीं होने वाला है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इन नये कानूनों से किसानों के फायदे बता दो।
राठौड़ ने कहा कि फसल की लक्ष्य के अनुरुप न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं की जाती हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में दो वर्ष पहले बजट में किसानों के लिए एक हजार करोड़ का किसान कल्याण कोष की घोषणा की गई लेकिन इससे किसानों को एक रुपया नहीं मिला। उन्होंने कहा कि किसान गुमराह होने वाला नहीं है।
कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना एवं टिड्डी आक्रमण के समय किये गये प्रबंधन के कारण प्रदेश कृषि क्षेत्र में अग्रणी रहा है। उन्होंने कहा कि खेती को बढ़ावा देने के लिए वातावरण एवं आपदा के अनुसार नीतियां बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को भी कृषि से संबंधित शिक्षा दी जानी चाहिए।
विधायक कन्हैया लाल ने कहा कि पहली बार केन्द्र में मोदी सरकार ने किसानों की दिशा और दशा सुधारने का काम किया है। विधायक बाबू लाल नागर ने राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार ने किसानों का कर्जा माफ किया हैं। उन्होंने मांग की कि किसानों को कर्ज से बचाने के लिए प्रतिवर्ष बुवाई गिरदावरी में प्रतिबीघा अनुदान दिया जाना चाहिए। इसी तरह अन्य विधायकों ने भी चर्चा में भाग लिया।