जयपुर। राजस्थान विधानसभा में आज फोन टैपिंग मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) से जांच कराये जाने की मांग की गई।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने शून्यकाल में इस मामले पर हो रही चर्चा के दौरान यह मांग की। राठौड़ ने कहा कि मैं प्रस्ताव करता हूं कि इस मामले की सीबीआई जांच करा ली जाए। उन्होंने इस मामले में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह का नाम आने एवं उनके वाॅइस सैम्पल देने के बारे में कहा कि इस मामले में गत वर्ष उपमुख्यमंत्री सहित 16 विधायकों को नोटिस भी दिया गया जो आपके बगल में बैठे हैं, पहले इनकी वॉइस जांच करा ले।
इससे पहले राठौड़ ने कहा कि इस लड़ाई को सदन से सड़क तक पहुंचाया जाएगा। इससे पहले चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि फोन टैंपिग का सरकार को अधिकार हैं और वह नियमों का पालन करके कर सकती है लेकिन इसकी मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव आदि किसी को जानकारी नहीं।
मुख्यमंत्री कार्यालय का ओएसडी के ऑडियो को आधार मानकर मुख्य सचेतक एसओजी में एफआईआर दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि इस मामले में तीन लोग लंबे समय से गिरफ्तार हैं। अगर फोन टैपिंग नहीं हैं तो क्या भगवान ने संदेशा दिया था।
कटारिया ने कहा कि यह सब बातें प्रमाणित करती है कि फोन टैपिंग हुआ। अगर नहीं हुआ तो मामला कैसे बना। इसमें इन तीन लोगों का क्या दोष हैं, केवल राजनीतिक रुप से इस मामले को बनाकर पेश किया गया। इस पर सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी एवं विधायक संयम लोढ़ा तथा अन्य सत्ता पक्ष के विधायक खड़े होकर बोलने लगे। विपक्ष के सदस्य भी खड़े हो गये और एक बार सदन में जोरदार शोरशराबा हुआ। बाद में अध्यक्ष ने मामला शांत कराया।
चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा विधायक डा सतीश पूनियां ने कहा कि इस मामले में सरकार को जवाब देना चाहिए कि किसी की निजता खतरे में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि क्या सरकार गैर संवैधानिक तरीका अपना रही है।