नई दिल्ली। सरकारी संस्थानों के निजीकरण और उनमें विनिवेश की सरकार की नीति की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि संपदाओं को बेचकर देश में समृद्धि नहीं लायी जा सकती।
कांग्रेस के शक्ति सिंह गोविल ने मंगलवार को राज्यसभा में विनियोग विधेयक और जम्मू कश्मीर तथा पुड्डुचेरि के सामान्य बजट और उनकी अनुदान मांगों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सरकार ने विनिवेश के जरिये एक लाख 75 हजार करोड़ रूपया जुटाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार को संपदाओं को बेचकर समृद्धि लाने से बचना चाहिए क्योंकि यह सही नहीं है।
पिछले दो वर्षों के दौरान राजस्व घाटे के बढने पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि बजट और राजस्व घाटे का अंतर निरंतर गहराता जा रहा है जो अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न दिक्कत केवल सरकार के लिए नहीं है आम लोग भी इससे बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं। सरकार ने उत्पाद शुल्क बढाकर और केन्द्रीय जीएसटी के जरिये अपनी कमायी तो बढा ली है लेकिन आम लोगों की आय कम हो रही है।
बीजू जनता दल के प्रशांत नंदा ने जीएसटी में केन्द्र और राज्यों के अनुपात का सवाल उठाया और राज्य में ढांचागत क्षेत्र के विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिए समुचित राशि मुहैया कराये जाने की मांग की।
अन्ना द्रमुक के एम थम्बीदुरई ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार एक सही विजन के साथ देश को विकास के पथ पर बढा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने श्रीलंका के साथ सहमति की है और इसके तहत विशेष सहायता राशि भी दी गयी है लेकिन श्रीलंका सरकार ने अभी तमिल क्षेत्रों को जरूरी अधिकारों से वंचित ही रखा है। उन्होंने पुड्डुचेरि को राज्य का दर्जा दिये जाने की भी मांग की है।
भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सरकार की नीतियों और योजनाओं के चलते विभिन्न एजेन्सियों ने देश की सकल घरेलु उत्पाद की दर 10 फीसदी से अधिक रहने का अनुमान व्यक्त किया है। जम्मू कश्मीर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां लोकतंत्र जमीनी स्तर तक पहुंच गया है।
चर्चा में हिस्सा लेते हुए तेलंगाना राष्ट्र समिति के जोगिनीपल्ली संतोष कुमार ने कहा कि सरकार के प्रयासों से अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान घोषित किये गये राहत पैकेजों का असर दिखाई दे रहे हैं।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी. विजय साई रेड्डी ने वित्त मंत्री की सराहना करते हुए कहा कि सरकार को रेल सेवा के विस्तार पर ध्यान देने की जरुरत है। पोलावरम परियोजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके आवंटन में बढोतरी की जानी चाहिए और इसके क्रियान्वयन में तेजी लानी चाहिए। आंध्रप्रदेश को केंद्र की मदद की जरुरत है और राज्य में औद्योगिकी होना चाहिए। उन्होेंने राज्य में कुछ और उच्च शैक्षिक संस्थानों की मांग की।
समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने काेरोना महामारी के दौरान छोटे उद्योगों का भारी नुकसान हुआ है। इसकी मदद करनी चाहिए। सरकार संपदा बेच रही है। अगले पांच छह साल में सब कुछ खत्म हो जाएगा। फिर क्या होगा। सरकार को इस पर सोच विचार करना चाहिए। देश में प्रसन्नता का स्तर घट रहा है। देश की आम जनता दुखी है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार है।
राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा ने कहा कि बिहार के लिए बजट में विशेष प्रावधान किये जाने चाहिए। बिहार में निवेश का माहौल बनाया जाना चाहिए। विनिवेश नीति का विरोध किया। तेलुगू देशम पार्टी के कनकमेदला रविंद्र कुमार ने कहा कि आंध्रप्रदेश को विशेष राहत दी जानी चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के अशोक वाजपेयी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों की मदद की गयी है। सरकार के प्रयासों से अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। सरकार ने पर्यावरण संरक्षण काे ध्यान में रखते हुए पुराने वाहनाें को परिचालन से हटाने की तैयारी की है। इससे आटो उद्योग को भी गति मिलेगी। रेलवे पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
कांग्रेस के सैयद नाजिर हुसैन ने कहा कि दोनों राज्यों के बजट पर सदन में चर्चा होना अच्छा नहीं है। सरकार गैरलोेकतांत्रिक तरीके अपनाकर राज्य सरकारों को हटा रही है। भारतीय जनता पार्टी के श्वेत मलिक ने कहा कि सरकार ऐतिहासिक फैसले ले रही है। कोरोना महामारी की वैक्सीन ऐसा ही कदम है। इसी पार्टी के संजय सेठ और आम आदमी पार्टी के नारायण दास गुप्ता ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।