नई दिल्ली। अस्पतालों में डॉक्टरों के अलावा चिकित्सा प्रदान करने में 56 प्रकार की सहायक सेवाओं से जुड़े लोगों काे वैधानिक दर्जा देने वाला एक विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किया गया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने प्रश्नकाल के बाद सदन में राष्ट्रीय सहायक एवं स्वास्थ्य रक्षा पेशेवर आयोग विधेयक 2021 पेश करते हुए कहा कि देश में आजादी के बाद से अस्पतालों में काम करने वाले सहायक स्वास्थ्य कर्मियों को वैधानिक दर्जा नहीं दिया गया।
लैब टेक्नीशियन, रेडियोलॉजिस्ट, फिजियोथैरेपिस्ट, डायटीशियन, एक्सरे टैक्नीशियन, सीटी स्कैन एवं एमआरआई टैक्नीशियन आदि स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के कालखंड में इन स्वास्थ्य कर्मियों ने बहुत ही अहम भूमिका निभाई है। इसलिए वर्ष 2021 में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य कर्मी वर्ष के मौके पर इस विधेयक को लाना बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है।
डॉ. हर्षवर्द्धन ने कहा कि इस विधेयक मेें राष्ट्रीय सहायक एवं स्वास्थ्य रक्षा पेशेवर आयोग बनाने का प्रस्ताव है जो एक समान नियामक प्रणाली के रूप में काम करेगा। इसके अलावा केन्द्र एवं राज्यों के स्तर सहायक कर्मी एवं स्वास्थ्य रक्षा पेशेवर सलाहकार परिषद का गठन किया जाएगा।
इसके माध्यम से स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के माध्यम से कैरियर में प्रगति तथा देश विदेश में रोजगार संभावनाओं में वृद्धि के रास्ते खुलेंगे। सलाहकार परिषदों के माध्यम से स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण के संस्थानों के मूल्यांकन एवं रेटिंग की प्रणाली बनेगी और इस प्रकार से स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी सुधार आएगा।
कांग्रेस के सुरेश नारायण ने कहा कि डॉक्टर एवं उपकरण के बाद चिकित्सा क्षेत्र में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कर्मी होते हैं। सरकार ने उन स्वास्थ्य कर्मियों के कल्याण के लिए ये कदम उठाया है जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि विधेयक का विरोध करने का कोई कारण नहीं है। विधेयक बनाने में स्थायी समिति की 90 प्रतिशत सिफारिशें स्वीकार करके विधेयक में शामिल की गईं हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को इसके बाद निजी अस्पतालों में उपचार के मनमाने मूल्य पर अंकुश लगाने के बारे में विचार करना चाहिए तथा रोगों के उपचार के लिए शुल्क की अधिकतम सीमा निर्धारित करनी चाहिए। इससे ऐसे मरीजों की जान बच सकेगी जो पैसे के अभाव में उपचार बीच में छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मियों ने बहुत ही अहम भूमिका निभाई। कई कर्मियों की जान भी चली गई। इसके लिए उनके परिवारों को मुआवजे की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
भाजपा के डॉ. सुभाष भामरे ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियोें को उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण का प्रबंध होना चाहिए तथा समय समय पर तकनीक के बदलाव के साथ उन्हें नया प्रशिक्षण देते रहना होगा। उन्होंने यह मांग भी की कि स्वास्थ्य कर्मियों के परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।