दुबई। पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति ने पगबाधा आउट फैसलों में डीआरएस (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) नियम में बदलाव को मंजूरी दे दी है, हालांकि समिति ने अंपायर्स काल नियम का पक्ष लेते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह नियम बना रहेगा।
क्रिकेट समिति की यहां मंगलवार को हुई बोर्ड की बैठक में लिए फैसले के अनुसार अब पगबाधा आउट के रिव्यू के लिए विकेट जोन की ऊंचाई को बढ़ाकर स्टंप के ऊपरी हिस्से तक कर दिया गया है। यानी अब रिव्यू लेने पर बेल्स के ऊपर तक की ऊंचाई पर गौर किया जाएगा, जबकि पहले बेल्स के निचले हिस्से तक की ऊंचाई पर गौर किया जाता था। इससे विकेट जोन की ऊंचाई बढ़ जाएगी। इसके अलावा अब पगबाधा आउट पर डीआरएस को लेकर फैसला लेने से पहले फील्डिंग पक्ष भी अंपायर से पूछ पाएगा कि गेंद को खेलने की असल में कोशिश की गई थी या नहीं। साथ ही अब थर्ड अंपायर शॉर्ट रन संबंधी सभी फैसलों की समीक्षा करेगा और अगर कोई गलती पाई जाती है तो अम्पायर अगली गेंद फेंके जाने से पहले इसे सही करेगा।
बैठक में यह भी फैसला किया गया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बहाली के लिए 2020 में लागू किए गए अंतरिम कोविड-19 नियम जारी रहेंगे। बैठक के बाद जारी एक बयान में क्रिकेट समिति के प्रमुख अनिल कुंबले ने कहा, डीआरएस का मजबूत सिद्धांत इसलिए, ताकि मैच के दौरान स्पष्ट गलतियों को सही किया जा सके। साथ ही यह भी सुनिश्चित हो कि मैदान पर फैसले करने वालों के रूप में अंपायरों की भूमिका बनी रहे। अंपायर्स कॉल से ऐसा ही होता है और यही कारण है कि इसका बरकरार रहना महत्वपूर्ण है।
हाल ही में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अंपायर्स कॉल नियम पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने इस नियम को भ्रमित करने वाला करार देते हुए कहा था कि अगर गेंद का थोड़ा हिस्सा भी स्टंप से टकरा रहा है तो बल्लेबाज को आउट दिया जाए।
बोर्ड की बैठक में अंतरराष्ट्रीय महिला वनडे मुकाबलों में भी दो बदलावों को मंजूरी दी गई है, जिसमें पहला वैकल्पिक पांच ओवरों के बैटिंग पावरप्ले को समाप्त करना और दूसरा सभी ड्रा मुकाबलों का सुपर ओवर द्वारा परिणाम तय करना है। वहीं कोरोना महामारी की स्थिति के मद्देनजर भारत में आगामी टी-20 विश्व कप से पुरुष और महिला दोनों क्रिकेट टीमों को अपने साथ अत्यधिक खिलाड़ी ले जाने की अनुमति होगी। क्रिकेट समिति ने टीम सदस्यों की मौजूदा संख्या 23 को बढ़ाकर 30 करने का फैसला किया है, जिसमें 15 खिलाड़ी होते थे और आठ सपोर्ट स्टाफ, लेकिन टीमें अब अपनी टीम में 22 खिलाड़ी शामिल कर सकती हैं और अपने साथ अतिरिक्त सपोर्ट स्टाफ भी रख सकती हैं।