खवाखली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूच विहार में चुनाव के दौरान पहली बार मतदान करने वाले एक मतदाता समेत पांच लाेगों के मारे जाने पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए चुनाव आयोग से इस घटना के आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
मोदी ने उत्तरी बंगाल में चाय बागान वाले इस इलाके में शनिवार को एक जन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कूचबिहार में जो कुछ हुआ वह बहुत ही दुखद है। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं। मैं उनके निधन पर शोक व्यक्त करता हूं।
मोदी ने मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी पर अपने समर्थकों को केंद्रीय बलों के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाते हुए उन पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि दीदी (बनर्जी) एवं उनके गुंडे भाजपा के समर्थन को देख कर घबरा गये हैं। अपने हाथों से कुर्सी फिसलती देख वे इस स्तर तक पहुंच गयी हैं।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री पर अपने समर्थकों को केंद्रीय बलों के खिलाफ भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय बल मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग स्वतंत्र रूप से सुनिश्चित कराने के लिए यहां तैनात किए गए हैं।
इस बीच, तृणमूल प्रमुख बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चुनाव के चौथे चरण में कूचविहार के शीतलकुची में केंद्रीय बलों की फायरिंग में पांच लोगों के मारे जाने पर स्पष्टीकरण देने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि वह केंद्रीय बलों के ‘अत्याचार’ को देखते हुए लंबे समय से ऐसी घटना की आशंका व्यक्त कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि इतने सारे लोगों के मारे जाने के बाद वे (चुनाव आयोग) कह रहे हैं कि फायरिंग आत्म रक्षा में की गयी। उन्हें शर्म आनी चाहिए। यह साफ झूठ है। मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि दीदी (बनर्जी) यह हिंसा, केंद्रीय बलों पर हमले के लिए लोगों को भड़काने की चाल और चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने की नीति आप को बचा नहीं पाएगी। इस प्रकार की हिंसा आपको (बनर्जी को) 10 वर्षाें के कुशासन से रक्षा नहीं कर पाएगी।
उन्होंने कहा कि मैं दीदी, तृणमूल और उनके गुंडों को स्प्ष्ट रूप से बताना चाहूंगा कि उनके तरीके को बंगाल में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मैं चुनाव आयोग से अपील करता हूँ कि कूचविहार घटना के दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। मोदी ने कहा कि तृणमूल सरकार की हार तय है। उन्होंने दावा किया कि दो मई के बाद राज्य में डबल इंजन की सरकार का गठन होगा।
मोदी ने आरोप लगाया कि तृणमूल सरकार ने पिछले 10 वर्षाें के दौरान उत्तरी बंगाल की सुरक्षा मसले को पूरी तरह नजरअंदाज किया, जहां तीन अंतरराष्ट्रीय सीमाएं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरी बंगाल राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले को लेकर काफी संवेदनशील है लेकिन तृणमूल ने तुष्टीकरण की नीति के चलते इसे नजरअंदाज किया।