कोटा। राजस्थान के कोटा में आज हिंदू नव वर्ष और शक्ति उपासना के पर्व नवरात्र स्थापना, सिंधी समाज का चेटीचंड सहित सिखों का बड़ा त्यौहार वैशाखी को आज सादगीपूर्वक मनाया गया।
कोरोना वायरस की महामारी के बढ़ते असर के चलते हिंदू समाज के ज्यादातर लोगों ने अपने घरों में ही नवरात्र की स्थापना की स्थापना की। पिछले साल भी कोविड-19 महामारी के चलते यह त्यौहार लोकडाउन के कारण कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया था।
प्रशासनिक सख्ती इस बार भी है लेकिन पिछले साल जितनी नहीं जिसके चलते कई लोग नवरात्र पर शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थित दुर्गा माता के मंदिरों में पूजा के लिए भी पहुंचे। मंदिरों के पुजारियों ने भी बिना मास्क के श्रद्धालुओं को भीतर प्रवेश की अनुमति नहीं दी और उनसे सोशल डिस्टेंसिंग की पालन करने का भी आग्रह करते नजर आए।
आज प्रथम नवरात्र में माता शैलपुत्री की ज्यादातर लोगों ने पूजा घरों में रखकर ही की जिसके कारण मंदिरों में भीड़ कम रही। इसके अलावा आज से नवरात्र की शुरुआत और बैसाखी पर्व के साथ बुधवार से रमजान शुरू होने के मद्देनजर जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा के तहत धारा 144 लागू कर दी है ताकि आने वाले दिनों में एक स्थान पर भीड़ भाड़ एकत्रित नहीं हो।
वैशाखी के अवसर पर कोटा के सिखों के सबसे अधिक प्रमुख धार्मिक स्थल माने जाने वाले बूंदी रोड स्थित अगमगढ़ गुरुद्वारे में विशेष साज-सज्जा और रोशनी की व्यवस्था की गई है आज यहां अलग-अलग चरणों में बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग पहुंचे और यहां आयोजित पाठ साहिब में भाग लिया। इसके अलावा छावनी, झालावाड़ रोड, भीमगंजमंडी आदि स्थानों पर स्थित गुरुद्वारों में भी धार्मिक आयोजन हुए।
सिंधी समाज के बड़े पर्व चेटीचंड के अवसर पर कोटा में हर साल सिंधी समुदाय की ओर से विशाल जुलूस निकाला जाता है लेकिन इस बार सिंधी समुदाय ने इस पर्व को सादगी के साथ ही मनाया और प्रतीकात्मक रूप से एक छोटा सा जुलूस का आयोजन किया। इस अवसर पर राम तलाई स्थित झूलेलाल मंदिर में घटस्थापना की गई जिसमें चुनिंदा लोगों ने भाग लिया।
कोटा जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आ आगामी दिनों में मनाए जाने वाले धार्मिक आयोजन मनाने के लिए विभिन्न समाज के धर्म प्रमुखों एवं उनके प्रतिनिधियों की बैठक सोमवार को कलक्ट्रेट में जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
जिला मजिस्ट्रेट ने सभी समाज के धर्म गुरूओं एवं प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि आने वाले दिनों में धार्मिक आयोजन एवं उनमें शामिल होने वाले नागरिकों की संख्या को देखते हुए इस वर्ष आयोजनों को सीमित रखा जाए। साथ ही इन आयोजनों में कोरोना गाईड़लाइन की पालना अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि धार्मिक आयोजनों मे केवल मन्दिर समिति के पदाधिकारी ही विशेष पूजा अर्चना करें। साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से इन धार्मिक आयोजनों का सीधा प्रसारण किया जाये और उससे संबंधित सूचना विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिकों तक पहुंचाकर ये अपील भी की जाए कि इन धार्मिक स्थलों पर अनावश्यक भीड़ एकत्रित ना करें जिससे कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोका जा सके।
जिला मजिस्ट्रेट ने सभी धर्म गुरूओं से अपील की है कि वे आने वाले धार्मिक आयोजनों में अपने-अपने धार्मिक स्थलों पर कोरोना गाईडलाइन की शत- प्रतिशत पालना सुनिश्चित कराएं।